राम मंदिर सुनवाई में सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें एक धमकी भरा पत्र मिला है। इस पत्र में धवन से पूछा गया था कि वे एक हिन्दू होकर राम मंदिर के विरुद्ध जिरह कैसे कर सकते हैं? राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस मामले को उठाया, जिसके बाद पत्र लिखने वाले के ख़िलाफ़ अवमानना का मामला दर्ज किया गया है। पत्र भेजने वाले की पहचान का भी खुलासा हुआ है।
मुस्लिम पक्षकार राजीव धवन को यह पत्र चेन्नई के प्रोफेसर एन शानमुगम ने लिखा था। प्रोफेसर शानमुगम की उम्र 88 वर्ष है। इस पत्र में उन्होंने राजीव धवन से पूछा था कि वह अपनी आस्था के साथ विश्वासघात कैसे कर सकते हैं? प्रोफेसर ने लिखा था कि धवन को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे क्योंकि उन्होंने ईश्वर की अवहेलना की है। इसके अलावा उन्होंने राजीव धवन को श्राप भी दिए।
SC Issues Contempt Notice To Professor For Allegedly Threatening Senior Adv Dhavan For Representing Muslims In Ayodhya Case
— Live Law (@LiveLawIndia) September 3, 2019
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राजीव धवन को इसके अलावा व्हाट्सप्प पर भी धमकी भरे मैसेज मिले हैं। बता दें कि राम मंदिर मामले में जहाँ हिन्दू पक्ष की तरफ से के पराशरण वकील हैं, वहीं राजीव धवन मुस्लिम पक्षकार हैं। सुप्रीम कोर्ट में अब राम मंदिर मामले की नियमित सुनवाई चल रही है।