प्रश्न संख्या 42 में छात्रों से पूछा गया कि रानी दुर्गावती का मकबरा कहाँ स्थित है? जबकि सत्य यह है कि उनका समाधि स्थल है, मकबरा नहीं। इस त्रुटि ने छात्रों को भ्रमित कर दिया और सामाजिक संगठनों में आक्रोश फैला दिया।
प्रश्नपत्र में पूछे गए इस सवाल को लेकर एनएसयूआई ने कड़ी आपत्ति जताई है और चेतावनी दी है कि अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा। चार विकल्पों के साथ पूछे गए इस सवाल में ‘मकबरा’ शब्द का प्रयोग कर रानी दुर्गावती जैसी वीरांगना का अपमान करने का आरोप लगाया गया है।
विश्वविद्यालय की परीक्षा नियंत्रक प्रो. रश्मि टंडन ने भी स्वीकार किया कि यह गंभीर भूल है और जाँच की जा रही है कि यह गलती कैसे हुई? इतिहास प्रेमियों और छात्रों का कहना है कि इस प्रकार की लापरवाही न केवल ऐतिहासिक तथ्यों की अनदेखी है, बल्कि जनभावनाओं का भी अपमान है।