Sunday, June 15, 2025

ईसाई से हिंदू महिला ने की शादी, OBC बनकर कर रही सरकारी नौकरी: केरल हाई कोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र रद्द करने से किया इनकार, VHP की ही मंशा पर उठा दिए सवाल

केरल हाई कोर्ट ने विश्व हिंदू परिषद (VHP) की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें एक ईसाई से शादी करने वाली हिंदू महिला का ओबीसी नॉन-क्रिमिलेयर का प्रमाण पत्र रद्द करने की माँग की गई थी। प्रमाण पत्र में कहा गया है कि वह हिंदू-नादर जाति से और नॉन-क्रिमिलेयर हैं। कुमारी बिन्दु ने एक ईसाई से विवाह किया है और नौकरी के लिए उसने ओबीसी प्रमाण पत्र हासिल किया था।

मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार और न्यायमूर्ति एस. मनु की खंडपीठ ने कहा कि यह सेवा से जुड़ा मामला है और इसमें VHP न तो प्रभावित कर्मचारी है और न ही राज्य। इसलिए इसे चुनौती देने का अधिकार नहीं है। वहीं, अपने बचाव में बिन्दु ने नीतू बनाम पंजाब राज्य और अन्य (2007) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। इसमें कहा गया था कि सेवा से जुड़े मामलों में जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।

बिंदु कुमारी को 2006 में इस प्रमाण पत्र को हासिल किया था, जिसे 2011 में कलेक्टर ने यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि यह धोखाधड़ी से हासिल किया गया था। आदेश में कहा गया था कि यह सर्टिफिकेट इस बात को छिपाकर हासिल किया गया था कि वह एक ईसाई से विवाहित है। इस आदेश के खिलाफ कुमारी ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच का दरवाजा खटखटाया था।

इस मामले में वीएचपी को पक्षकार बनाया गया और उसने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता ईसाई धर्म का पालन कर रही था। इसलिए वह अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्य के रूप में हिंदू नादर समुदाय को दिए जाने वाले लाभों का वह हकदार नहीं है। एकल पीठ ने पाया कि बिंदु ने ईसाई में अपना धर्मांतरण नहीं किया है। इसलिए कलेक्टर के आदेश को रद्द कर दिया। इसके बाद VHP ने इस फैसले को चुनौती दी।