कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में 40 जवानों के बलिदान और दो दर्जन से अधिक घायलों की ख़बर से देश सदमे में है। देश का ऐसा कोई कोना बाक़ी नहीं जहाँ वीरगति को प्राप्त इन जवानों को नम आँखों से विदा न किया गया हो। शायद ही कोई देश-प्रेमी होगा जिसके ख़ून में उबाल न आई हो।
पाकिस्तान का दोहरा रवैया एक बार नहीं सैकड़ों बार उजागर हो चुका है। भारत ने हमेशा ही पाकिस्तान के साथ शांति क़ायम रखने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है। लेकिन पाकिस्तान हमेशा से पीठ पर छुरा घोंपने का काम करता आया है। साथ ही, आतंकी संगठनों का गढ़ होने के बावजूद पाकिस्तान इस बात को नकारता आया है। बारूद पर बैठे पाकिस्तान की हक़ीकत को दुनिया अच्छी तरह से जानती है और इसीलिए पुलवामा हमले के बाद विश्वभर के देशों ने भारत का साथ देने पर अपनी सहमति जताई है।
पुलवामा हमले के बाद से ही देश के कोने-कोने में विरोध की लहर चल निकली है। खेल जगत से लेकर फ़िल्म जगत तक में पाकिस्तान के इस छद्म वार की घोर निंदा हो रही है।
प्रतिष्ठित क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (CCI) ने शनिवार को कश्मीर के पुलवामा में CRPF के क़ाफ़िले पर हुए आतंकी हमले के विरोध में ग़ुस्सा दिखाते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की फोटो को ढक दिया। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपने विरोध में इमरान ख़ान के फोटो को ढक देने भर से क्या दो देशों के बीच कड़वाहट ख़त्म होगी? एक तरफ सीमा पर तैनात जवान पाकिस्तान के वार का समना करते हैं और दूसरी तरफ भारत कला-संस्कृति के आदान-प्रदान और खेलों के माध्यम से हमेशा पाकिस्तान को सपोर्ट करता आया है। लेकिन फायदा शायद ही कुछ हुआ हो!
पुलवामा हमले के बाद बॉलीवुड के जावेद अख़्तर और शबाना आज़मी ने पाकिस्तान में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया था। सोनू निगम और कंगना रनौत ने भी हमले के बाद तीखी प्रतिक्रिया दर्ज की थी। सोनू निगम ने तो दोहरा रवैया अपनाने वालों को पाकिस्तान का हितैषी करार दिया था और उनके नाम एक वीडियो भी जारी किया था।
Sonu Nigam put it straight about the situation in Bollywood. #PulwamaRevenge pic.twitter.com/rTPhVPFOEa
— KamalLochan (କମଲ) (@Kamallochanm) February 15, 2019
वहीं अपनी प्रतिक्रिया में कंगना ने शबाना आज़मी पर तंज कसा और कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारतीय कलाकारों को बैन कर दिया था तब कराची जाकर शबाना आज़मी ने एक कार्यक्रम का आयोजन क्यों किया था? जब दो देशों के बीच कटुता इतना विकराल रूप धारण कर चुकी हो तो किसी भी तरह के सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर रोक लग जानी चाहिए।
इसी कड़ी में म्यूज़िक कंपनी टी-सीरिज का भी नाम शामिल है, जिसने पाकिस्तानी गायक आतिफ़ असलम के एक गाने को यूट्यूब पर अनलिस्ट कर दिया। बता दें कि यह गीत 12 फ़रवरी को रिलीज किया गया था। हालाँकि इस बात की जानकारी ऑफ़िशियली नहीं दी गई है। हमले के बाद से ही पाकिस्तानी सिंगर को बैन करने की माँग भी तेजी से बढ़ी है। कई ट्विटर यूज़र्स ने अपने ट्वीट के ज़रिए जवानों के बलिदान को याद करते हुए पाकिस्तानी सिंगर को बैन करने के लिए अपनी आवाज़ बुलंद की है।
i m your huge fan @itsaadee and want u to comment on the attack which was placed at pulwama..u need to speak..bcz if u don’t then …we will not get to listen your songs.#Atifaslam
— Rahul Jha (@RahulJh04224711) February 16, 2019
In reply to numerous questions.
— Arko Pravo Mukherjee (@ArkoPravo19) February 16, 2019
I’m shocked & angered by recent terror attacks & Demand justice like every Indian. Nothing is more important than National Integrity.
Hence my last release #Baarishein is taken down in less than 48 hours. #StandwithForces @TSeries#JaiHind
अब बात करते हैं पाकिस्तानी गायक अदनान सामी की, जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी को ट्वीट किया था और इसके बाद वो विवादों में आ गए थे। हालात इतने गंभीर हो गए थे कि अदनान सामी ने यह तक कह दिया था कि सर्जिकल स्ट्राइक से भारत ने पाकिस्तान के कचरे को साफ़ करने का काम किया है। बता दें कि अदनान ने पाकिस्तान की नागरिकता छोड़कर भारत की नागरिकता अपना ली थी। इसके अलावा वो असहिष्णुता मुद्दे पर भारत के पक्ष में बयान दे चुके हैं।
ऐसे में यह कहना लाज़मी बन पड़ता है कि जिस भारत को पाकिस्तान पानी पी-पीकर कोसता है, जिसकी बर्बादी का ख़्वाब वो पल-पल देखता है वो ख़ुद अपनी कला-संस्कृति को बचाने में पूरी तरह से विफल है, केवल आतंक फैलाना ही उसका एकमात्र ध्येय है। क्योंकि अगर ऐसा न होता तो पाकिस्तान के कलाकार यहाँ कभी फल-फूल न पाते।
यह हो सकता है कि कुछ लोग मेरी राय से इत्तेफ़ाक़ न रखते हों और यह मानते हों कि सीमा के विवाद को कला-संस्कृति और खेल से नहीं जोड़ना चाहिए। लेकिन मेरी अंतरात्मा इस बात को कभी स्वीकार नहीं करेगी कि एक तरफ तो पाकिस्तान सीमा पर हमारे वीरों की बलि चढ़ाता रहे, उनके मस्तक काटकर ले जाए और दूसरी तरफ खेलों व सांस्कृतिक आदान-प्रदान के नाम पर गाना-बजाना और खेलना-कूदना भी जारी रखे।
पाकिस्तान अपने दोहरे रवैये से आपसी रिश्तों को कभी नहीं सुधार पाएगा। एक तरफ दोस्ती का हाथ और दूसरी तरफ छद्म युद्ध पाकिस्तान की मंशा को पूरी तरह से स्पष्ट करता है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि पाकिस्तान कब अपनी इन नापाक हरक़तों से बाज आएगा। इतना होने के बावजूद भी खेलों और सांस्कृतिक गतिविधियों में शिरक़त के बहाने आपसी रिश्तों की कड़वाहट क्यों छिपाने की कोशिश की जाए? समय रहते अब पाकिस्तान को सचेत हो जाना चाहिए कि भारत उसकी किसी भी बहलाने-फुसलाने वाली चाल में नहीं फँसेगा और उसे उसके किए की सज़ा जल्द से जल्द देगा।