Sunday, December 22, 2024
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शेखर गुप्ता का जागा पाकिस्तान प्रेम, भारत-ईयू कॉरिडोर में रोया PAK की कमी का रोना: ना’पाक मुल्क के लिए देने लगे ‘बिन माँगी सलाह’

एक तरफ तो अनंतनाग में पाकिस्तानी आतंकियों से मुठभेड़ चल रही है। कश्मीर में पाकिस्तान प्रॉक्सी वार लड़े जा रहा है। हमारे सैनिक शहीद हो रहे हैं तो दूसरी तरफ हमारे ही लोग, जो दिल से दूसरी तरफ हैं, वो ये सोच रहे हैं कि पाकिस्तान को कैसे मजबूत किया जाए।

भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराइयों तक अपना लोहा मनवा रहा है। भारत वैश्विक कूटनीति का केंद्र बन चुका है। ये वो भारत है, जिसे कुछ साल पहले तक दुनिया के दूसरे देशों की तरफ देखना पड़ता था।

भारत अब वैश्विक ताकतों की आँखों में आँखें डालकर अपनी शर्तों पर बात करता है। वो भारत, जो कभी पाकिस्तान से शांति के लिए, कश्मीर में आतंकवाद रोकने के लिए गिड़गिड़ाने की हद तक चला जाता था, वो भारत सालों से पाकिस्तान को भाव नहीं देता है। इसी भारत में रहने वाले कुछ पाकिस्तान प्रेमियों को ये पसंद नहीं आता। उन्हीं में से एक नाम शेखर गुप्ता का भी है।

‘कभी’ शेखर गुप्ता जैसों की सलाह मानी जाती थी वजनदार

शेखर गुप्ता यूपीए सरकार के समय देश के सबसे ताकतवर पत्रकारों में से एक थे। उनकी सलाह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक जाती थी। शेखर गुप्ता जैसे लोग ही पाकिस्तान को लेकर हमेशा सॉफ्ट स्टैंड रखते रहे हैं, लेकिन कुछ सालों में इनकी अहमियत गिरी है।

ऐसा इसलिए भी, क्योंकि पहले की सरकारों की तरह मोदी सरकार न तो ऐसे लोगों को सिर-आँखों पर बिठाती है और न ही इनके प्रेम वाले देश पाकिस्तान को कोई भाव देती है। फिर भी, शेखर गुप्ता जैसे लोग अब बिन माँगे सलाह देने लगे हैं। वो अलग बात है कि ये सलाह 7-आरसीआर (पूर्व नाम) के लिए न होकर उनके प्रिय देश पाकिस्तान के लिए होती है।

पाकिस्तान-चीन की सांसे रोकने वाले कॉरिडोर से परेशान हुए शेखर गुप्ता

जी-20 की अध्यक्षता के दौरान दुनिया के सबसे ताकतवर देशों के प्रमुख नई दिल्ली में जुटे। जी-20 का शिखर सम्मेलन भारत से शान से आयोजित किया। जब शिखर सम्मेलन से पहले की रात तक पूरी दुनिया इस बार को लेकर दुविधा में थी कि जी-20 के देश किसी एजेंडा पर सहमति बना भी पाएँगे या नहीं।

भारत ने दुनिया के सभी देशों को नई दिल्ली घोषणापत्र (New Delhi Declaration-G20) के लिए तैयार किया, बल्कि उन विषयों को भी शामिल किया, जिनकी चर्चा तक की किसी को उम्मीद नहीं थी। यही नहीं, जी-20 के शिखर सम्मेलन के पहले दिन ही भारत ने ऐसी घोषणा कर दी, जो पाकिस्तान और उसके आका चीन की सांसें रोकने वाला रहा।

भारत ने मिडिल ईस्ट से लेकर यूरोप तक इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने की घोषणा की है। इस प्रोजेक्ट को चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट की काट के तौर पर पूरी दुनिया देख रही है। इतने बड़े प्रोजेक्ट में सऊदी अरब से लेकर यूएई, इजरायल, इटली और फ्रांस समेत कई देश शामिल हैं। ये ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसके लिए सहमति बनाने में अमेरिका ने भी पूरा जोर लगा दिया।

खास बात ये है कि अरबों डॉलर के इस प्रोजेक्ट में जी-7 देशों की ओर से बनाया गया फंड फाइनेंसियल पार्टनर है। इसे भारत की ताकत कहें या कुछ और, भारत ने ऐसे देशों को उन प्रोजेक्ट से पूरी तरह दूर रखा है, जो चीन और चीनी पैसों के कर्जजाल में फँसे हैं। खासकर पाकिस्तान जैसा पड़ोसी मुल्क। ये प्रोजेक्ट पूरा होते ही अगर सबसे ज्यादा नुकसान में कोई देश रहेगा, तो वो देश चीन के बाद पाकिस्तान ही होगा।

ऐसे में अब पाकिस्तान परस्त शेखर गुप्ता जैसे लोग पाकिस्तान को मुफ्त की सलाह देने लगे हैं। उनका कहना है कि अब पाकिस्तान को चीन का साथ छोड़ देना चाहिए, वर्ना वो पीछे रह जाएगा। इसके लिए उसे भारत की दुश्मनी भी छोड़ देनी चाहिए। उनका कहना है कि अब पाकिस्तान का भला यूएई और सऊदी अरब भी नहीं कर पाएँगे, क्योंकि उनका बड़ा हित हिंदुस्तान के साथ जुड़ चुका है।

पाकिस्तान के पीछे छूटने की चिंता

यूँ तो दिखने में ये सलाह मामूली सी लगती है, जिसे कोई भी दे सकता है। लेकिन, इस सलाह के पीछे शेखर गुप्ता का वो छिपा हुआ दर्द भी बाहर आ गया, जिस पर वो खुलकर बात नहीं कर पा रहे थे। उनको इस बात की चिंता है कि पाकिस्तान पीछे छूटता जा रहा है।

उन्हें इस बात की चिंता है कि भारत पाकिस्तान को भाव नहीं दे रहा है तो पाकिस्तान को अब अपने भले के लिए भारत से हाथ मिला लेना चाहिए, वर्ना वो बर्बाद हो जाएगा। चूँकि अब तक पाकिस्तान को बचाते रहे यूएई और सऊदी अरब भी भारत के साथ खड़े हो गए हैं तो उन्हें पाकिस्तान की बर्बादी की चिंता सता रही है।

अंदर के दुश्मनों की पहचान जरूरी

कहते हैं न, हम अपने दुश्मन से तो लड़ सकते हैं। उसके खिलाफ रणनीति भी बना सकते हैं। लेकिन, उन दुश्मनों से कैसे लड़ सकते हैं, जो उनके अपने ही खेमे में बैठकर जड़ में मट्ठा डाल रहे हैं। शेखर गुप्ता जैसे कथित पाकिस्तान प्रेमी पत्रकारों की भी यही हकीकत है।

एक तरफ तो अनंतनाग में पाकिस्तानी आतंकियों से मुठभेड़ चल रही है। कश्मीर में पाकिस्तान प्रॉक्सी वार लड़े जा रहा है। हमारे सैनिक शहीद हो रहे हैं तो दूसरी तरफ हमारे ही लोग, जो दिल से दूसरी तरफ हैं, वो ये सोच रहे हैं कि पाकिस्तान को कैसे मजबूत किया जाए।

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श्रवण शुक्ल
श्रवण शुक्ल
Shravan Kumar Shukla (ePatrakaar) is a multimedia journalist with a strong affinity for digital media. With active involvement in journalism since 2010, Shravan Kumar Shukla has worked across various mediums including agencies, news channels, and print publications. Additionally, he also possesses knowledge of social media, which further enhances his ability to navigate the digital landscape. Ground reporting holds a special place in his heart, making it a preferred mode of work.

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