इस रिपोर्टिंग के दौरान कभी हँसी-मजाक करते हुए कभी गंभीर रहते हुए अर्चना अपने सवाल करती हैं और सामने वाला शख्स उसका जवाब देता है। हाल में इसी सवाल-जवाब के क्रम में अर्चना तिवारी से एक मुश्ताक नाम का इस्लामी कट्टरपंथी टकरा गया। उसने खुलेआम कैमरे पर बोला कि अगर हिंदू उनकी जमीन पर आएँगे, रहेंगे, शराब पीएँगे तो वो लोग हिंदुओं को मारेंगे। इसके साथ उसने वीडियो में ये भी साफ-साफ कहा कि अगर उनके क्षेत्र में हिंदू मंदिर बना तो उन्हें (मुसलमानों को) उसे जलाना ही पड़ेगा।
इस वीडियो के पब्लिक होने के बाद कइयों ने इसे साझा करते हुए अपनी चिंता जताई और सोचने लगे कि 90 के दशक में ऐसी ही मानसिकता से भरे लोग कश्मीर में रहे होंगे इसलिए पंडितों का नरसंहार हुआ। ये सोच गलत भी नहीं जान पड़ती।
जब एक शख्स खुलेआम कैमरे पर इस तरह की बातें कर रहा है, अपनी नफरत दिखा रहा है तो सोचने वाली बात है कि एक हिंदू के मन में और क्या आ सकता है? अर्चना तिवारी ने अपनी वीडियो में बार-बार उस मुश्ताक को समझाना चाहा कि वो हिंदू हैं और उन्हें जब समस्या नहीं होती कि मुस्लिम रहें तो फिर मुस्लिमों को क्या परेशानी है।
देखिए क्या मिसाल दे रहे हैं सेक्युलर भारत की मुश्ताक मिया..
— Archana Tiwari (@ArchanaRajdharm) September 22, 2024
बीजेपी के घोषणा पत्र में 100 मंदिरों का जीर्णोद्धार लिखा है पर क्या ये लोग मंदिरों का उद्धार होने देंगे ?#Kashmir #kashmirelection pic.twitter.com/mYB6tZl9j0
अर्चना की बात सुन मुश्ताक एक बार नहीं, बार-बार यही दोहराता रहा कि वो मुसलमान है और उसे इस बात से प्रॉब्लम है कि कोई हिंदू मंदिर बने और हिंदू वहाँ पूजा पाठ करें।
मुश्ताक की वीडियो देखने के बाद जब कश्मीर में मुस्लिमों की कट्टर मानसिकता पर फिर सवाल उठने लगे तो इसे देख एक मुस्लिम महिला पत्रकार इससे बिदक गईं। महिला पत्रकार का नाम यास्मीन खान है। X पर मौजूद उनकी पब्लिक प्रोफाइल के बायो में लिखा है कि जामिया से पढ़ीं यास्मीन खान मुस्लिम मिरर, ग्रेटर कश्मीर, सलाम टीवी न्यूज, बतौर पत्रकार काम किया है और फिर ‘आवाज द वॉयस’ के लिए जम्मू-कश्मीर में रिपोर्ट कर रही हैं।
यास्मीन अर्चना तिवारी को पत्रकार नहीं मानतीं और चाहती हैं कि कश्मीर में ग्राउंड रिपोर्ट करने के लिए उन्हें जेल भेज दिया जाना चाहिए क्योंकि अर्चना की रिपोर्टिंग से कश्मीरियों का गलत चेहरा दुनिया के सामने आ रहा है। अपने ट्वीट में यास्मीन ने बिना अर्चना के नाम का उल्लेख करते हुए लिखा- “कश्मीर में एक व्यथित करने वाला प्रयास चल रहा है। एक यट्यूबर सड़कों पर उतरकर मासूम, कम-पढ़े लिखे लोगों से मंदिर, मस्जिद और शराब जैसे संवेदनशील मुद्दों पर उनकी विचार पूछ रही हैं। लोगों की समझ की कमी का फायदा उठाते हुए अपना नैरेटिव चला रही है। इससे हमारी कश्मीरियों को खतरा है। मेरा अनुरोध है कि श्रीनगर पुलिस ऐसे व्यक्तियों को गिरफ्तार करे और हमारे समुदाय को इस खतरे से बचाएँ।”
यास्मीन ने बड़ी चालाकी से अपने एक्स पर ये ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने अर्चना का नाम तो नहीं लिखा लेकिन जो कंटेंट का विवरण उन्होंने दिया है उससे साफ है कि वो द राजधर्म वाली अर्चना तिवारी और मुश्ताक के बीच हुई बातचीत का ही जिक्र कर रही हैं। ट्वीट में वह हिंदुओं का मंदिर जलाने की बात खुलेआम कहने वाले मुश्ताक को मासूम कह रही है वहीं दूसरी ओर चुप-चाप उसकी बात सुनने वाली अर्चना तिवारी के लिए कश्मीर पुलिस को उकसा रही हैं कि वो उन्हें गिरफ्तार करें।
हैरानी की बात ये है कि इतनी अनुभवी पत्रकार होने के बावजूद यास्मीन सही गलत में फर्क नहीं समझ पा रहीं। अगर कोई उनके इस रवैये को देख उन्हें निष्पक्ष पत्रकार न कहकर मजहब के काम करने वाली पत्रकार कहे तो क्या गलत होगा?
वायरल वीडियो देखने पर साफ पता चलता है कि मुश्ताक से अर्चना ने बस ये सवाल किए थे कि भाजपा की किन बातों के कारण वो लोग उन्हें वोट नहीं देंगे… ये सवाल तो कोई घुमा फिराकर नहीं पूछा गया था। मगर, इस सीधे से सवाल का जवाब में अगर हिंदू घृणा दिखाई जाए…तो इसमें अर्चना की गलती क्या है और क्यों उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
“आर्मी देश की सेवा करती है”
— Archana Tiwari (@ArchanaRajdharm) September 23, 2024
इस कश्मीरी बच्चे की सोच संकुचित मानसिकता वाले लोगो को जरूर सुननी चाहिए ।#kashmirelection #kashmir #Kashmir pic.twitter.com/8LDHS9wz3P
अपने ट्वीट पर तो उन्होंने कश्मीर में रिपोर्टिंग के दौरान उस कश्मीरी उमर की वीडियो भी डाली है जो भारतीय सेना के जवानों को हीरो समझता है, मानता है कि जवान देश की जनता के लिए शहीद होते हैं, जिसका फेवरेट क्रिकेटर विराट कोहली है।
उन्होंने उस बुजुर्ग व्यक्ति की भी वीडियो डाली है जो कहते हैं कि इतने सालों में अब कश्मीर में शांति दिखने लगी है।
आधी रात Lal Chowk की सड़कों पर बुजुर्ग ने इशारों में Modi पर कह दी बड़ी बात | #Srinagar #kashmirelection #Kashmir pic.twitter.com/Fh3lWCSes8
— Archana Tiwari (@ArchanaRajdharm) September 21, 2024
अब इन लोगों की प्रतिक्रिया डालना अगर गलत नहीं है या उनसे पूछे सवाल गलत नहीं हैं तो फिर मुश्ताक से किए गए सवाल कैसे गलत हो सकते हैं या उस शख्स से किए गए सवाल कैसे गलत हो सकते हैं जो जवाब में बस ये बोले कि उन्हें हिंदू किसी कीमत पर नहीं चाहिए।
“हम मुस्लिम है हमे हिंदू राज नहीं चाहिए”
— Archana Tiwari (@ArchanaRajdharm) September 18, 2024
आज कश्मीर में पहली फेज की वोटिंग के दौरान मिले चाचा की सोच ने मुझे हैरान कर दिया ।
आप भी सुनिए ..#kashmirelection #Kashmir #srinagar pic.twitter.com/6OaIT1BPzz
सवाल करना और जवाब पूछना… यही प्रक्रिया तो ग्राउंड पर रहते हुए हर पत्रकार फॉलो करता है। वो भी चुनावी रिपोर्टिंग के दौरान तो खासकर लोगों के मन टटोले जाते हैं कि उन्हें किस पार्टी का क्या काम पसंद है क्या नहीं। इसमें गिरफ्तारी की बात कैसे आ गईं?
कहीं अपने आपको कश्मीरी पत्रकार कहने वाली यास्मीन खान को अर्चना तिवारी से समस्या इसलिए हो रही है क्योंकि उनकी रिपोर्टिंग के जरिए कट्टरपंथ में सने लोग और उनकी हिंदू घृणा से लबरेज विचार सामने आ रहे है।
यास्मीन कहती हैं कि अर्चना कश्मीर के भोले-भाले लोगों अपने जाल में फँसा रही हैं और उनसे ऐसी बातें उगलवा रही हैं। उन्हें ये चिंता नहीं है कि कश्मीर के लोगों के मन में हिंदुओं के प्रति कितना जहर घुला हुआ है, उनकी समस्या ये है कि अगर कश्मीर के कट्टरपंथी मुस्लिम अगर ऐसी सोच रखे भी हुए हैं तो इसका पता दुनिया को नहीं चलना चाहिए ताकि यास्मीन जैसे लोग पत्थरबाजों को मासूम कहने वाला अपना जमकर नैरेटिव चला सकें।
इन लोगों की यसी मानसिकता वजह है कि ये आज भी बातें कश्मीर और कश्मीरियत की करते हैं लेकिन कश्मीर की भलाई के लिए हटाए गए आर्टिकल 370 के फैसले को नहीं पचा पाए हैं। उनकी इसी मंशा को परखते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने मेनिफेस्टो में घोषणा भी की है कि अगर उनकी सरकार आती है तो वो अनुच्छेद 370 को लेकर आएँगे। शायद यास्मीन जैसों को लगता है कि अनुच्छेद 370 आने के बाद दोबारा से उनका दौर आ जाएगा।