भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन और जन लोकपाल जैसे मुद्दों पर बनाई गई आम आदमी पार्टी के तमाम बड़े नेता जेल की हवा खा चुके हैं। इसमें अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया जैसे कई बड़े नाम हैं। आम आदमी पार्टी के नेताओं को भ्रष्टाचार, आपराधिक, धोखाधड़ी जैसे मामलों में जेल की हवा खानी पड़ी है, जिसमें से कई नेता अब भी जेल में हैं। इस खास पेशकश में हम बता रहे हैं आम आदमी पार्टी के उन 16 नेताओं के बारे में, जो राजनीतिक सफाई जैसे जुमलों के नाम पर राजनीति में आए और खुद कई कारनामों को अंजाम देकर जेल की हवा खा चुके हैं।
अरविंद केजरीवाल
इस लिस्ट की शुरुआत तो किसी भी नाम से कर सकते थे, लेकिन पार्टी के संयोजक से ही यहाँ इसकी शुरुआत करते हैं। अरविंद केजरीवाल पर शराब नीति घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप है। वो अभी न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। हो सकता है कि वो जल्द ही जेल से छूट भी जाएँ, लेकिन शराब नीति घोटाले में उनके खिलाफ काफी गंभीर आरोप हैं, जिसकी वजह से दिल्ली हाई कोर्ट तक ने उन्हें कोई राहत देने से मना कर दिया था। अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 15 अप्रैल तक के लिए बढ़ाया है। लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 16 अप्रैल को होना है, लेकिन उससे कम से कम एक दिन पहले तक अरविंद केजरीवाल को जेल में ही रहना होगा। आम आदमी पार्टी को अस्तित्व में आए एक दशक का समय बीत चुका है और ये बताने की जरूरत नहीं है कि आम आदमी पार्टी का जन्म कैसे हुआ।
मनीष सिसोदिया
AAP के संस्थापक सदस्यों में से एक दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फरवरी 2023 में दिल्ली शराब नीति घोटाले के मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। उन्हें कई अदालतों में अपील के बावजूद अब तक जमानत नहीं मिली है। मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को आम आदमी पार्टी ने काला दिन बताया था और मनीष सिसोदिया को इस्तीफा देना पड़ा था, लेकिन अब वो अपने ‘बॉस’ अरविंद केजरीवाल के साथ ही तिहाड़ जेल में बंद हैं। एक तरफ मनीष से इस्तीफा ले लिया गया, तो दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल तिहाड़ में होते हुए भी दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर बने हुए हैं।
सत्येन्द्र जैन
सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार के ताकतवर मंत्रियों में से एक थे। मई 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट तक उनकी जमानत को खारिज कर चुका है। गिरफ्तारी के बाद से सत्येन्द्र जैन काफी समय तक तिहाड़ में रहे। जेल में उनके सेल का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वो जेल के कैदी से मसाज कराते दिख रहे थे। हालाँकि उन्होंने दावा किया कि वो मसाज नहीं करा रहे थे, बल्कि वो थेरेपी ले रहे थे, जो उनके इलाज का हिस्सा है। बीच में कोर्ट ने थोड़े समय के लिए इलाज कराने के लिए जमानत दी थी, लेकिन 18 मार्च को उनकी जमानत की तारीख नहीं बढ़ी, तो उन्हें फिर से जेल जाना पड़ा। वो भी तिहाड़ जेल में बंद हैं।
अमानतुल्लाह खान
आम आदमी पार्टी के मुस्लिम चेहरे और ओखला विधानसभी सीट से पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान भी जेल जा चुके हैं। उनपर दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अवैध भर्ती और वित्तीय हेराफेरी से जुड़ा मामला चल रहा है। इस मामले में वो जमानत पर जेल से बाहर हैं। उन पर यौन हमला, रेप और एक महिला की हत्या का भी आरोप है।
सोमनाथ भारती
आम आदमी पार्टी के एक अन्य बड़े नेता सोमनाथ भारती भी जेल की हवा खा चुके हैं। सितंबर 2015 में उनकी पत्नी द्वारा घरेलू हिंसा के केस में गिरफ्तार किया गया था। उनकी पत्नी ने आरोप लगाया कि भारती उन्हें कई बार पीट चुके हैं। इस मामले में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी हुआ था, जिसके बाद उन्होंने द्वारका पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया था। हालाँकि साल 2019 में उनके खिलाफ मामले को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। वैसे, मार्च 2021 में उन्हें पथराव और एम्स की चारदीवारी तोड़ने की कोशिश की करती भीड़ का नेतृत्व करने के मामले में 2 साल की जेल की सजा सुनाई जा चुकी है। हालाँकि दिल्ली हाई कोर्ट ने सजा पर अभी रोक लगाई हुई है और ये केस कोर्ट में चल रहा है।
विजय सिंगला
पंजाब सरकार में मंत्री रहे विजय सिंगला को मंत्री रहते भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। मई 2022 में उन्हें भगवंत मान ने अपनी कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। इस मामले में पंजाब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। विजय सिंगला का मामला अभी कोर्ट में चल रहा है।
ताहिर हुसैन
आम आदमी पार्टी का पूर्व पार्षद ताहिर खान साल 2020 में दिल्ली के हिंदू-विरोधी दंगों का मुख्य आरोपित है। उस पर यूएपीए जैसे केस में मामला चल रहा है, तो आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या में भी उसका नाम आया। दिल्ली दंगों के दौरान हुसैन ने कथित तौर पर हिंदुओं पर हमला करनी वाली मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ का नेतृत्व किया था। हालाँकि दंगों के दौरान उसने खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश की, लेकिन जाँच के दौरान वो फँस गया। उसकी छत से पत्तर, काँच की बोतलें और अन्य आपत्तिजनक सामग्रियाँ मिली। इस्लामिक गिरोह, वामपंथियों ने ताहिर हुसैन को बचाने की कोशिश की, और उसे पूरी तरह से निर्दोष बताया, लेकिन जाँच में ये तथ्य निकलकर सामने आया है कि वो दंगों में सीधे तौर पर सामिल था। ताहिर हुसैन भी अभी तिहाड़ जेल में बंद है।
संजय सिंह
दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले को लेकर ईडी ने अक्टूबर 2023 में आप के प्रमुख नेताओं में से एक और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार किया था। सबसे पहले ईडी ने उनके घर पर छापेमारी की। इस मामले में सरकारी गवाह बने वाईएसआर विधायक श्रीनिवासुल रेड्डी के बेटे राघव माटुंगा और व्यवसायी दिनेश अरोड़ा की गवाही के आधार पर संजय सिंह की गिरफ्तारी की गई थी। उन्हें हाल ही में 2 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है। ये मामला अभी कोर्ट में है।
संदीप कुमार
आम आदमी पार्टी के विधायक संदीप कुमार ने साल 2016 में एक महिला का राशन कार्ड बनाने के नाम पर उसके साथ दुष्कर्म किया था। इस मामले में आपत्तिजनक वीडियो भी लीक हो गया था। संदीप कुमार दिल्ली में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी भी देख चुके थे।
नरेश यादव
पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश यादव को गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ पंजाब पुलिस ने कुरान के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के मामले में केस दर्ज किया था, इसके बाद मालेरकोटला में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। हालाँकि साल 2021 में कोर्ट ने उनके खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया।
प्रकाश जारवाल
आम आदमी पार्टी के नेता प्रकाश जारवाल कई बार जेल जा चुके हैं। जुलाई 2016 में प्रकाश जारवाल को एक महिला का यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। साल 2018 में उन्हें दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वहीं, साल 2014 में भी वो दिल्ली जल बोर्ड कर्मचारी को थप्पड़ मारने के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं। इसी साल फरवरी 2024 में उन्हें डॉक्टर राजेंद्र सिंह आत्महत्या मामले में दोषी ठहराया जा चुका है। बता दें कि अप्रैल 2020 में 52 वर्षीय डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में जारवाल और उनके सहयोगी द्वारा उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया गया था।
अखिलेशपति त्रिपाठी
आम आदमी पार्टी के विधाय अखिलेश पति त्रिपाठी के खिलाफ साल 2015 में दंगे भड़काने के आरोप लगे थे, जिसके बाद नवंबर 2015 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। यही नहीं, वो नवंबर 2019 में भी गिरफ्तार किए गए थे, जब दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें पेश होने का आदेश जारी किया था, लेकिन वो कोर्ट में पेश नहीं हुए। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने गैर-जमानती वारंट के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
मनोज कुमार
आम आदमी पार्टी के विधायक मनोज कुमार को जुलाई 2025 में धोखाधड़ी और जमीन हड़पने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन पर घरेलू हिंसा के भी आरोप लगे थे। हालाँकि साल 2020 में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था।
शरद चौहान
आम आदमी पार्टी के विधायक शरद चौहान को जून 2016 में जेल जाना पड़ा था। उन पर आम आदमी पार्टी की ही कार्यकर्ता सोनी मिश्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था। उन्हें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
जीतेन्द्र सिंह तोमर
साल 2015 में दिल्ली के तत्कालीन कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिस एलएलबी डिग्री के दम पर वो कानून मंत्री तक बन गए थे, वो डिग्री ही फर्जी पाई गई। जीतेंद्र सिंह तोमर को डेढ़ माह तक जेल में रहना पड़ा था। वो जेल जाने वाले आम आदमी पार्टी के शुरुआती नेताओं में से एक थे।
दिनेश मोहनिया
दिल्ली पुलिस ने जून 2016 में आप विधायक दिनेश मोहनिया को एक महिला से दुर्व्यवहार के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन पर यौन शोषण और यौन उत्पीड़न का भी आरोप लगाया गया था। हालाँकि 2020 में वो आरोपों से बरी हो गए।