Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीति'आम आदमी कैसे भरेगा वकीलों की ₹10-15 लाख की फी?': बोले केंद्रीय कानून मंत्री...

‘आम आदमी कैसे भरेगा वकीलों की ₹10-15 लाख की फी?’: बोले केंद्रीय कानून मंत्री – 3.5 लाख कैदी बिना अपराध साबित हुए जेल में

"संसाधनवान लोग बड़े वकीलों का खर्च उठा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में ऐसे वकील हैं जिनकी फीस आम आदमी नहीं उठा सकता। अगर वे प्रति सुनवाई के लिए 10-15 लाख रुपए लेते हैं, तो एक आम आदमी कैसे भुगतान कर सकता है?"

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने शनिवार (16 जुलाई 2022) को अदालतों में केवल अंग्रेजी भाषा का ही इस्तेमाल किए जाने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि निचली अदालतों और हाई कोर्ट में हिन्दू और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रमुखता दी जानी चाहिए। अदालत की भाषा अगर आम होगी तो हम कई तरह की समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री कहा कि संसद के अगले सत्र में 71 अलग-अलग कानूनों को खत्म किया जाएगा।

किरेन रिजिजू ने यह बात राजस्थान के जयपुर में रही 18वीं अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की बैठक को संबोधित करते हुए कही। इसके साथ ही कानून मंत्री ने देश के टॉप वकीलों द्वारा एक केस के 10-15 लाख रुपए की फीस लिए जाने पर चिंता जाहिर की और कहा कि इससे गरीबों और हाशिए के लोगों के लिए न्याय पहुँच से बाहर हो गया।

उन्होंने आगे कहा, “संसाधनवान लोग बड़े वकीलों का खर्च उठा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में ऐसे वकील हैं जिनकी फीस आम आदमी नहीं उठा सकता। अगर वे प्रति सुनवाई के लिए 10-15 लाख रुपए लेते हैं, तो एक आम आदमी कैसे भुगतान कर सकता है?” मंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में अप्रचलित 71 कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने सभी राज्यों की कानूनी एजेंसियों से इस साल 15 अगस्त,2022 तक अंडर ट्रायल कैदियों की रिहाई के लिए प्रयास करने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश में 3.5 लाख कैदी विचाराधीन हैं। हर जिले में जिला मजिस्ट्रेट के तहत एक रिव्यू कमिटी है। हम सभी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से प्रोएक्टिव काम करने का अनुरोध करते हैं। वे कर रहे हैं। उनसे और प्रो एक्टिव काम की अपील करते हैं ताकि जिला जज उनसे प्रभावित हों।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -