Sunday, November 17, 2024
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60 लाख नई नौकरियाँ, ₹30 लाख करोड़ का अतिरिक्त प्रोडक्शन: केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा – ‘India@100’ का आधार रखेगा ये बजट

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्षों के लिए एक आधार रखने का काम इस बजट के साथ किया जा रहा है। साथ ही LIC का IPO भी कुछ दिनों में आने वाला है।

केंद्रीय बजट 2022 से साफ़ हो गया है कि ये ‘आज़ादी के अमृत काल’ का बजट है, जो ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ के ध्येय से बना है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये बजट विकास पर केंद्रित है। भारत का विकास दर 9.2% रहने वाला है, जो सारी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के आँकड़ों के कारण देश आज सही स्थिति में है। ‘मेक इन इंडिया’ से 60 लाख नई नौकरियाँ भी आने वाली हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्षों के लिए एक आधार रखने का काम इस बजट के साथ किया जा रहा है। साथ ही LIC का IPO भी कुछ दिनों में आने वाला है। उन्होंने कहा कि हम अभी ओमीक्रॉन लहर से जूझ रहे हैं, लेकिन ‘सबका प्रयास’ इसी मजबूती के साथ चलता रहेगा। ‘एयर इंडिया’ के टाटा को औपचारिक ट्रांसफर को लेकर भी उन्होंने बात की। पब्लिक इन्वेस्टमेंट और कैपिटल एक्सपेंडिचर पर ये बजट केंद्रित है। भारत के आज़ादी के 75 वर्षों से 100 वर्षों तक पहुँचने का ये बजट होगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि ‘प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI)’ योजना के माध्यम से ‘आत्मनिर्भर भारत’ को गति दी जाएगी, जिससे 60 लाख नई नौकरियाँ और 30 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रोडक्शन भी होगा। 2022-23 तक राष्ट्रीय राजमार्गों का नेटवर्क 25,000 किलोमीटर का हो जाएगा। बजट में उन्होंने कई बार कोविड-19 के खतरों के प्रति आगाह किया और वैक्सीनेशन अभियान की सफलता को लेकर भी बात की। ये ‘India@100’ का बजट है।

निर्मला सीतारमण का बजट 2022: जानिए मुख्य बातें

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (1 फरवरी, 2022) को भारत का बजट पेश किया। देश अब कोरोना से उबर रहा है, ऐसे में सभी लोगों की नजर इस बजट पर लगी हुई है। बता दें कि भारत का वित्त वर्ष 1 मार्च से शुरू होकर अगले वर्ष 31 मार्च तक चलता है। बजट में इसका पूरा लेखा-जोखा पेश किया जाता है। देश के खर्च एवं आय के बारे में बताया जाता है। पिछले बजट के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया था। जनता को मुफ्त वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपए के प्रावधान किए गए थे।

इसी का नतीजा है कि आज देश की लगभग 60% जनसंख्या पूर्ण रूप से वैक्सीनेटेड है और 90% को कम से कम एक खुराक लग गई है। इन रुपयों में से 19,675 करोड़ रुपए अब तक खर्च किए जा चुके हैं। बजट के दिन सेंसेक्स भी खुलने के बाद 800 पॉइंट्स ऊपर चढ़ कर 59,000 के पास पहुँच गया। वहीं निफ्टी 240 अंक बढ़ कर 17,540 तक पहुँच गया। बजट सत्र से पहले केंद्रीय कैबिनेट ने बजट का औपचारिक रूप से अनुमोदन किया। सुबह 11 बजे से केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट का सम्बोधन शुरू किया।

वार्षिक बजट के बारे में बता दें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद-112 में बजट का प्रावधान किया गया है। भले ही संसद सत्र के दौरान बजट पढ़ने की प्रक्रिया कुछ घंटों में ख़त्म हो जाती हो, लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्रालय की टीम पूरे 6 महीने इसके लिए तैयारी करती है। इस बार भी सितंबर 2021 से ही इस बजट सम्बंधित तैयारियाँ शुरू हो गई थीं। सबसे पहले राष्ट्रपति की मंजूरी चाहिए होती है, फिर केंद्रीय कैबिनेट में इसे पेश किया जाता है और तब संसद के दोनों सदनों में।

वहीं बजट की छपाई की प्रक्रिया ‘हलवा सेरेमनी’ के साथ शुरू की जाती है। इस दौरान अधिकारियों में हलवा बाँटा जाता है। हलवा एक बड़ी कड़ाही में तैयार किया जाता है। 2020 से ही देश में ‘पेपरलेस बजट’ पेश किया जाता रहा है। इस बार कोरोना की वजह से ‘हलवा सेरेमनी’ तो नहीं हो पाई, इसीलिए अधिकारियों में मिठाई बाँटी गई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2020 और 2021 में पेपरलेस बजट पेश कर चुकी हैं। 26 नवंबर, 1947 को भारत का पहला बजट पेश किया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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