भाजपा छोड़कर कॉन्ग्रेस में आए नवजोत सिंह सिद्धू के तल्ख़ तेवर तो जगज़ाहिर हैं, लेकिन सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर भी पिछले कुछ दिनों से सुर्ख़ियों में छाईं हुई हैं। हाल ही में उन्होंने अपने पति के पक्ष में उनके प्रचार को लेकर बड़ा बयान दिया था जिसकी मुख्य वजह उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को बताया था। उन्होंने सीधे तौर पर कहा था कि उनके पति को प्रचार के लिए इसलिए अवसर नहीं दिया जा रहा है क्योंकि पंजाब के मुख्यमंत्री ख़ुद नहीं चाहते कि उनके पति (नवजोत सिंह सिद्धू) प्रचार करें। इसके अलावा सिद्धू की पत्नी ने ख़ुद टिकट न दिए जाने पर भी मुख्यमंत्री को ही दोषी ठहराते हुए कहा था कि उन्होंने जानबूझकर उन्हें टिकट नहीं दिया।
नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने चुप्पी तोड़ते हुए नवजोत कौर के सभी आरोपों का खंडन किया और कहा, “कौर को दो जगह अमृतसर और भटिंडा से टिकट का ऑफ़र दिया गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। वो चंडीगढ़ से चुनाव लड़ना चाहती थीं, जबकि पार्टी ने फ़ैसला किया कि वो इस सीट के लिए फिट उम्मीदवार नहीं हैं।” आपको बता दें कि नवजोत कौर ने आरोप लगाया था कि आशा कुमारी की वजह से उन्हें टिकट नहीं दिया गया था। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए नवजोत कौर ने कहा था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को लग रहा है कि वो 13 की 13 सीटें जीत रहे हैं और इसलिए पजाब में नवजोत सिंह की ज़रूरत नहीं है और इसीलिए उनके पति केवल उन्हीं जगहों पर प्रचार कर रहे हैं जहाँ उनकी ज़रूरत है।
इससे पहले भी कॉन्ग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच कई मुद्दों पर मतभेद की ख़बरें सामने आ चुकी हैं। आए दिन कॉन्ग्रेसी खेमे से उथल-पुथल की ख़बरें पार्टी में बढ़ते रोष की सच्ची तस्वीरों को बयाँ करती हैं। प्रतीत तो यही होता है कि नवजोत सिंंह सिद्धू के अट्टहास भरे अंदाज़ वाली टीका-टिप्पणियाँ भी कॉन्ग्रेस का मन नहीं बहला पा रही हैं। ख़ुद को टिकट न दिए जाने और पति के पक्ष में नवजोत कौर का यूँ खुलकर सामने आना इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं कॉन्ग्रेस पार्टी सदस्यों में बढ़ता असंतोष अपने पैर पसारता दिख रहा है जिसके नतीजे जल्द सामने होंगे।