उदयनिधि स्टालिन के बाद अब साउथ के एक्टर प्रकाश राज ने सनातनियों का मजाक उड़ाते हुए उन्हें ‘एंटी ह्यूमन’ कहा है। वहीं, तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि के सनातन विरोधी बयान पर कॉन्ग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने हमला बोला है। साथ ही सख्त कार्रवाई की माँग की है।
प्रकाश राज ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ईवी रामास्वामी उर्फ पेरियार और डॉ भीमराव अंबेडकर की फोटो शेयर की है। इसके साथ ही प्रकाश राज ने लिखा है, “हिंदू तनतानी नहीं हैं। तनातनी मानवता विरोधी हैं।” तनतानी या TanaThanis शब्द का उपयोग वामपंथी, इस्लामवादी और ईसाई हिंदुओं और सनातन धर्म का मजाक उड़ाने के लिए करते हैं। ऐसे में उन्होंने न केवल इशारे में सनातन धर्म का मजाक उड़ाने की कोशिश की है बल्कि अपना हिंदू विरोधी चेहरा एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है।
Hindu s ar not #TanaThanis .. Tanathanis are #AntiHumans .. RT if you agree. Happy Sunday to all #justasking pic.twitter.com/3GZYXdVygg
— Prakash Raj (@prakashraaj) September 3, 2023
हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने वाला पेरियार
प्रकाश राज ने जिस ईवी रामास्वामी उर्फ पेरियार की फोटो शेयर की है। उसने ताउम्र हिंदू धर्म को लज्जित और अपमानित किया। कभी भगवानों का अपमान किया तो कभी हिन्दुओं के धर्म ग्रंथों को जलाने का संदेश दिया। पेरियार के प्रति हिन्दुओं के प्रति विचार उनके इस एक बयान से भी समझे जा सकते हैं –
“मैंने सब कुछ किया, मैंने गणेश आदि सभी ब्राह्मण देवी-देवताओं की मूर्तियाँ तोड़ डालीं। राम आदि की तस्वीरें भी जला दीं। मेरे इन कामों के बाद भी मेरी सभाओं में मेरे भाषण सुनने के लिए यदि हजारों की गिनती में लोग इकट्ठा होते हैं तो साफ है कि ‘स्वाभिमान तथा बुद्धि का अनुभव होना जनता में, जागृति का सन्देश है।”
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और राज्य के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया के मच्छर की तरह खत्म करने की अपील की थी। उसके इस बयान पर कॉन्ग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने हमला बोला है। उन्होंने एक्स पर लिखा है, “सत्य ‘सनातन’ के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। सनातन को मिटाने का ख़्वाब देखने वाले भारतीय नहीं हो सकते उदयनिधि स्टालिन ने करोड़ों सनातनियों की आस्था पर कुठाराघात किया है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कार्यालय उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
सत्य “सनातन”
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) September 3, 2023
के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती,सनातन को मिटाने का ख़्वाब देखने वाले भारतीय नहीं हो सकते @Udhaystalin ने करोड़ों सनातनियों की आस्था पे “कुठाराघात”
किया है, उनके ख़िलाफ़ “सख़्त” से सख़्त कार्यवाही होनी चाहिये. @PMOIndia @HMOIndia
वहीं ANI से बातचीत में आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने कहा है, “हिंदुओं को गाली देने की नेताओं में एक होड़ सी मची हुई है। सत्य सनातन धर्म को मिटाने की कोशिशें हजारों सालों से हो रहीं हैं। लेकिन सनातन को लोग मिटा नहीं पाए। 1000 साल भारत गुलाम रहा। इस पूरे समय तक लगातार सनातन को मिटाने की कोशिशें हुईं।”
#WATCH | Ghaziabad, Uttar Pradesh | On Tamil Nadu Minister Udhayanidhi Stalin's 'Sanatana Dharma should be eradicated' remark, Congress leader Acharya Pramod says, "There is a competition among leaders to abuse Hindus. For 1000 years there have been efforts to erase 'Sanatan… pic.twitter.com/kObfD6h377
— ANI (@ANI) September 3, 2023
उन्होंने आगे कहा है, “महाराणा प्रताप, गुरु गोविंद सिंह जी महाराज, छत्रपति शिवाजी महाराज कितने ही महापुरुषों का लहू शामिल है सनातन धर्म की शक्ति में। सनातन को मिटाने का जो ख्वाब है वह अंग्रेजों ने भी देखा, मुगलों ने भी देखा। लेकिन सनातन नहीं मिट पाया।”
उद्यनिधि के खिलाफ दर्ज हुई शिकायत
सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ सनातन धर्म के खिलाफ उत्तेजक, भड़काऊ और मानहानिकारक बयान के लिए दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 120A, 153A, 295, 504 और आईटी एक्ट की धाराएँ शामिल हैं।
ट्विटर पर वायरल हो रहा बयान
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किए गए उनके भाषण की एक वीडियो क्लिप में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, “सनातन धर्म को खत्म करने के लिए इस सम्मेलन में मुझे बोलने का मौका देने के लिए मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूँ। मैं सम्मेलन को ‘सनातन धर्म का विरोध’ करने के बजाय ‘सनातन धर्म को मिटाओ‘ कहने के लिए आयोजकों को बधाई देता हूँ।
I.N.Di.A alliance partner organizing conference to finish Sanatana dharma… pic.twitter.com/5tY84luLyq
— Vishwatma 🇮🇳 (@HLKodo) September 2, 2023
‘सनातनम को खत्म करना हमारा पहला काम’
उदयनिधि स्टालिन ने कहा, “कुछ चीजें हैं जिनका हमें उन्मूलन करना है और हम केवल विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना, ये सभी चीजें हैं जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना है। सनातन भी ऐसा ही है। विरोध करने की जगह सनातन को ख़त्म करना हमारा पहला काम होना चाहिए।”
उन्होंने सवालिया लहज़े में पूछा कि “सनातन क्या है? सनातन नाम संस्कृत से आया है। सनातन समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। सनातन का अर्थ ‘स्थायित्व’ के अलावा और कुछ नहीं है, जिसे बदला नहीं जा सकता। कोई भी सवाल नहीं उठा सकता। सनातन का यही अर्थ है।”