दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर कॉन्ग्रेस पहले ही हार मान गई है। कॉन्ग्रेस के बड़े नेता अब आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल की तारीफों के पुल बाँधने लगे हैं। कॉन्ग्रेस दिल्ली में हुए चुनावी मुकाबले में कहीं भी नहीं दिख रही है, इसीलिए पार्टी ने अब भाजपा विरोध के नाम पर उसी AAP का समर्थन शुरू कर दिया है, जिसके ख़िलाफ़ उसने चुनाव लड़ा था। ऐसा बयान कोई और नहीं बल्कि लोकसभा में कॉन्ग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ही दे रहे हैं। अधीर रंजन के इस बयान से चर्चा शुरू हो गई है कि क्या जानबूझ कर कॉन्ग्रेस ने पूरी ताक़त लगा कर चुनाव नहीं लड़ा?
अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि इस चुनाव में जहाँ भाजपा ने सांप्रदायिक अजेंडे को आगे बढ़ाया, वहीं अरविन्द केजरीवाल विकास के मुद्दे को लेकर जनता के बीच गए। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल की जीत का अर्थ होगा विकास के मुद्दे की जीत होना। तो क्या कॉन्ग्रेस पार्टी ने मान लिया है कि दिल्ली में उसका अस्तित्व खत्म है और राहुल गाँधी व प्रियंका गाँधी भी पार्टी को बचाने में कामयाब नहीं हुए? जो पार्टी 2013 तक लगातार 15 वर्षों में सत्ता में रही थी, अब वो अस्तित्व बचाने के लिए भी जूझ रही है।
AR Chowdhury, Congress on #DelhiElections2020: We
— ANI (@ANI) February 9, 2020
fought this election with all our strength. In this election, BJP put forth all the communal agendas,& Arvind Kejriwal Ji put forth developmental agendas. If Kejriwal wins, then it will be a victory of the developmental agendas. pic.twitter.com/DbwuodH9uf
अधिकतर एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत की भविष्यवाणी की जा रही है। हालाँकि, भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर और मनोज तिवारी ने दावा किया है कि सभी एग्जिट पोल्स के आँकड़े इस बार फेल हो जाएँगे। मुस्लिमों ने आम आदमी पार्टी को एकमुश्त वोट दिया है, ऐसा सामने आ रहा है। कॉन्ग्रेस के कई मुस्लिम वोटरों ने भी अब केजरीवाल की पार्टी का रुख कर लिया है क्योंकि भाजपा को हराने के लिए कई इमामों ने भी चुनावी प्रचार किया था।