लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस की हार के बाद पार्टी नेता राहुल गाँधी के अध्यक्ष पद छोड़ने पर उनकी आलोचना के बीच लोकसभा में पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार (अक्टूबर 9, 2019) को कहा कि राहुल जैसे नेता मौजूदा राजनीति में विरले ही होते हैं जिन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग दिया। लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद राहुल गाँधी के पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने पर राज्य और केंद्रीय स्तर के कई नेताओं ने उनकी आलोचना की थी।
पार्टी में सुधार को लेकर दिए बयानों पर सलमान खुर्शीद और आत्मचिंतन की बात पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को अधीर रंजन चौधरी ने नसीहत दी। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उन्होंने कुछ नेताओं के बयानों के बारे में सुना है। उन्होंने कहा, “इस बारे में वो सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि अच्छा होता अगर राहुल गाँधी पार्टी अध्यक्ष के रूप में वापस आते। लेकिन साथ ही, हमें नैतिक जवाबदेही के उदाहरण की भी सराहना करनी चाहिए जो उन्होंने सबके सामने पेश की है। यह राहुल गाँधी का निर्णय था और इसका सम्मान किया जाना चाहिए।”
अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी का बचाव किया और कहा कि राज्य विधानसभाओं के चुनाव के माहौल में पार्टी नेताओं को ऐसे बयानों से बचना चाहिए जिससे हमें नुकसान हो। अगर कोई मुद्दा है तो इन्हें पार्टी स्तर पर उठाया जाए न कि सार्वजनिक रूप से। उन्होंने कहा कि जब पार्टी चुनाव में उतरने वाली हो, तब इस तरह की टिप्पणियाँ कॉन्ग्रेस को फायदा पहुँचाने वाली नहीं हैं। बाहर बयानबाजी करने की बजाए खुर्शीद को अपनी राय पार्टी के भीतर ही जाहिर करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सलमान खुर्शीद ने मंगलवार (अक्टूबर 8, 2019) को कहा था, “हम विश्लेषण के लिए भी एकजुट नहीं हो सके कि हम लोकसभा चुनाव में क्यों हारे। हमारी सबसे बड़ी समस्या यही है कि हमारे नेता ने हमें छोड़ दिया।” इस पर पार्टी नेता राशिद अल्वी ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि पार्टी में आग लगाने वाले नेता मौजूद हैं, बाहरी दुश्मन की जरूरत नहीं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा कि जब सत्ता नहीं होती, तो बोलने वालों की बाढ़ आ जाती है। वहीं सिंधिया के आत्मचिंतन वाले बयान पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “हम सभी आत्मनिरीक्षण कर रहे हैं। सभी विचारों और स्थितियों का आकलन करने के बाद ही ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस कमिटी ने सोनिया गाँधी से अध्यक्ष पद संभालने की अपील की थी।”