बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के समापन वाले दिन असदुद्दीन ओवैसी के पार्टी नेताओं ने राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ गाने से मना कर दिया। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के विधायक अख्तरुल इमान ने इस बात पर अपना विरोध जताया कि आखिर सदन में राष्ट्रगीत (National Song) क्यों गाया जा रहा है। उनके मुताबिक इस परंपरा को बिहार विधानसभा पर थोपा जा रहा है।
यहाँ बता दें कि इस बार शीतकालीन सत्र के दौरान बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने सत्र के पहले दिन राष्ट्रगान (जन-गण-मन) और आखिरी दिन राष्ट्रगीत (वंदे मातरम) गाने की परंपरा शुरू की। ऐसे में AIMIM नेता अख्तरुल इमान ने इस पर आपत्ति जताई।
‘न गाता हूँ वंदे मातरम और न गाऊँगा…’
मीडिया से बातचीत में इमान ने स्पीकर की कार्यशैली पर सवाल उठाया। साथ ही कहा कि आखिर कहाँ लिखा है कि राष्ट्रगीत गाना अनिवार्य है। वह कहते हैं कि राष्ट्रगीत पर कई आपत्तियाँ हैं और ऐसे सदन में जो सबकी सहमति से चल रहा हो, वहाँ ऐसी रिवायत को कायम करना ये बिलकुल ठीक नहीं है।
वह कहते हैं, “मैं राष्ट्रगान गाता हूँ। मैं राष्ट्र से प्रेम करता हूँ। क्या मुझको कोई संवैधानिक दबाव है राष्ट्रगीत गाना। किसने कहा कि राष्ट्रगीत सबके लिए है। ये दबाव कहाँ से आया है।” वह बोलते हैं, “राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ गाने की परंपरा बिहार विधानसभा में थोपी जा रही है। किसी की मजाल नहीं कि मुझे गाने को मजबूर करे। ‘वंदे मातरम’ गाने में मुझे समस्या है… मैं वंदे मातरम न गाता हूँ और न ही गाऊँगा।”
बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया
राष्ट्रगीत को लेकर AIMIM विधायक की इस टिप्पणी के बाद बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि इमान की हरकत देशद्रोह की श्रेणी में आती है और उनके खिलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए।
बीजेपी विधायक ने इमान पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग खाते यहाँ का है पर गीत नहीं गा सकते। भारत का अन्न खाकर और पानी पीकर पलने वाले ऐसे लोग जिहादी मानसिकता के हैं। ये इस्लामी मानसिकता के लोग भारत का विभाजन करना चाहते हैं। इनके ख़िलाफ़ विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई करनी चाहिए।
वहीं बिहार बीजेपी के विधायक संजय सिंह ने कहा कि जिन लोगों को सदन में राष्ट्रगीत गाने से परेशानी है वो देश से प्यार नहीं करते और उन्हें राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाए जाने की जरूरत है। संजय सिंह ने ये भी कहा कि ऐसे लोगों को देश में रहने की जरूरत नहीं है।
अख्तरुल इमान के बिगड़े बोल
यहाँ बता दें कि ये पहली दफा नहीं है जब अख्तरुल इमान अपने बयान के कारण विवाद में आए हों। इससे पहले इमान ने जनसंख्या वृद्धि को लेकर कहा था कि आबादी बढ़ाना मर्दानगी का काम है, जिसमें दम है वो बढ़ाए, आबादी कभी नुकसान नहीं करती। ईमान ने कहा था, हिंदुस्तान बहुत बड़ा मुल्क है, यहाँ सबको जीने की आजादी है। कुछ लोग फिरकापरस्त हैं जो माहौल को खराब करना चाहते हैं, लेकिन यह हो नहीं सकता।