Friday, November 15, 2024
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‘वन्दे मातरम्’ गाने की माँग पर छात्र अजीत राय को मार डाला था: हत्या का केस नहीं दर्ज कर रही थी मुलायम सरकार की पुलिस, ‘सांसद योगी’ को आना पड़ा था आजमगढ़

उस दिन अजीत राय ने अपने कॉलेज में स्वतंत्रता दिवस के दिन शिक्षकों से 'वंदे मातरम्' गाए जाने की माँग की। हालाँकि, उनकी इस माँग को नाजायज बताते हुए कॉलेज के ही कुछ शिक्षकों और छात्रों ने इसका विरोध किया।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 6 चरणों का मतदान समाप्त हो चुका है। अब सातवें और आखिरी चरण के लिए 7 मार्च 2022 को मतदान होगा। इसी के मद्देनजर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार (5 मार्च, 2022) को आजमगढ़ जिले के अतरौलिया में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। लेकिन उससे पहले उन्होंने अजीत राय हत्याकांड का जिक्र किया और विपक्ष पर निशाना साधते हुए विपक्ष को अजीत राय की हत्या के मामले में घेरते हुए बताया कि केवल ‘वंदे मातरम’ गाने की वकालत करने पर राय की हत्या कर दी गई थी।

सीएम योगी ने ट्वीट किया, “वर्ष 2007 में आजमगढ़ के एक कॉलेज में अजीत राय की निर्मम हत्या सिर्फ इसलिए हो गई, क्योंकि उन्होंने ‘वंदे मातरम्’ गाने की बात कही थी। ‘वंदे मातरम्’ का विरोध करने वाले हर संगठन, हर राजनीतिक दल को आजमगढ़ की जनता उखाड़ फेंकेगी। स्वर्गीय अजीत राय को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”

ये कोई पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अजीत राय की हत्या का जिक्र किया है। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर 2021 में भी उन्होंने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।

अजीत राय हत्याकांड

अजीत राय एबीवीपी के कार्यकर्ता और आजमगढ़ स्थित शिबली नेशनल कॉलेज के बीएससी थर्ड ईयर के छात्र थे। दिन था 15 अगस्त 2007 का। उस दिन अजीत राय ने अपने कॉलेज में स्वतंत्रता दिवस के दिन शिक्षकों से ‘वंदे मातरम्’ गाए जाने की माँग की। हालाँकि, उनकी इस माँग को नाजायज बताते हुए कॉलेज के ही कुछ शिक्षकों और छात्रों ने इसका विरोध किया। इसके बाद अजीत राय की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उस दौरान उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और मुलायम सिंह मुख्यमंत्री थे।

पुलिस अजीत की हत्या का केस दर्ज ही नहीं कर रही थी। तब एक सांसद के तौर पर योगी आदित्यनाथ आजमगढ़ में मुकदमा दर्ज कराने के लिए आए थे। जिसके बाद पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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