Saturday, July 5, 2025
Homeराजनीति'वन्दे मातरम्' गाने की माँग पर छात्र अजीत राय को मार डाला था: हत्या...

‘वन्दे मातरम्’ गाने की माँग पर छात्र अजीत राय को मार डाला था: हत्या का केस नहीं दर्ज कर रही थी मुलायम सरकार की पुलिस, ‘सांसद योगी’ को आना पड़ा था आजमगढ़

उस दिन अजीत राय ने अपने कॉलेज में स्वतंत्रता दिवस के दिन शिक्षकों से 'वंदे मातरम्' गाए जाने की माँग की। हालाँकि, उनकी इस माँग को नाजायज बताते हुए कॉलेज के ही कुछ शिक्षकों और छात्रों ने इसका विरोध किया।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 6 चरणों का मतदान समाप्त हो चुका है। अब सातवें और आखिरी चरण के लिए 7 मार्च 2022 को मतदान होगा। इसी के मद्देनजर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार (5 मार्च, 2022) को आजमगढ़ जिले के अतरौलिया में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। लेकिन उससे पहले उन्होंने अजीत राय हत्याकांड का जिक्र किया और विपक्ष पर निशाना साधते हुए विपक्ष को अजीत राय की हत्या के मामले में घेरते हुए बताया कि केवल ‘वंदे मातरम’ गाने की वकालत करने पर राय की हत्या कर दी गई थी।

सीएम योगी ने ट्वीट किया, “वर्ष 2007 में आजमगढ़ के एक कॉलेज में अजीत राय की निर्मम हत्या सिर्फ इसलिए हो गई, क्योंकि उन्होंने ‘वंदे मातरम्’ गाने की बात कही थी। ‘वंदे मातरम्’ का विरोध करने वाले हर संगठन, हर राजनीतिक दल को आजमगढ़ की जनता उखाड़ फेंकेगी। स्वर्गीय अजीत राय को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”

ये कोई पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अजीत राय की हत्या का जिक्र किया है। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर 2021 में भी उन्होंने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।

अजीत राय हत्याकांड

अजीत राय एबीवीपी के कार्यकर्ता और आजमगढ़ स्थित शिबली नेशनल कॉलेज के बीएससी थर्ड ईयर के छात्र थे। दिन था 15 अगस्त 2007 का। उस दिन अजीत राय ने अपने कॉलेज में स्वतंत्रता दिवस के दिन शिक्षकों से ‘वंदे मातरम्’ गाए जाने की माँग की। हालाँकि, उनकी इस माँग को नाजायज बताते हुए कॉलेज के ही कुछ शिक्षकों और छात्रों ने इसका विरोध किया। इसके बाद अजीत राय की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उस दौरान उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और मुलायम सिंह मुख्यमंत्री थे।

पुलिस अजीत की हत्या का केस दर्ज ही नहीं कर रही थी। तब एक सांसद के तौर पर योगी आदित्यनाथ आजमगढ़ में मुकदमा दर्ज कराने के लिए आए थे। जिसके बाद पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

भारत सरकार ने वक्फ कानून से जुड़े दिशानिर्देश किए जारी, अब खास पोर्टल और डाटाबेस में दर्ज होंगी सभी प्रॉपर्टीज: जानें- इसके मायने क्या...

नए वक्फ नियमों के तहत डिजिटल पंजीकरण, संपत्ति की निगरानी, ऑडिट और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए CWMS पोर्टल पर सभी जानकारी अपलोड की जाएगी।

छत्तीसगढ़ और राजस्थान की 9-9 पार्टियों पर संकट, आयोग ने थमाया नोटिस: जानें क्या है मामला- क्यों छिन जाती है किसी राजनीतिक पार्टी की...

चुनाव आयोग ने राजस्थान छत्तीसगढ़ की 9-9 पार्टियों को निस्क्रिय होने की वजह से नोटिस भेजा है और जवाब माँगा है कि क्यों न उनकी मान्यता रद्द कर दी जाए?
- विज्ञापन -