शिवसेना (Shiv Sena) की कहानी राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के साथ ही दोहराई जाती हुई दिख रही है। विधायकों के साथ अपने चाचा शरद पवार से अलग होने के बाद अजित पवार (Ajit Pawar) ने चुनाव आयोग में हलफनामा दाखिल करके खुद को NCP का अध्यक्ष और पार्टी पर दावा ठोका है।
अजित पवार के गुट ने 31 विधायकों और पाँच विधान पार्षदों के समर्थन का दावा किया है। वहीं, शरद पवार गुट की बैठक में 13 विधायक, 3 विधान पार्षद और 5 सांसद मौजूद रहे। बताते चलें कि यही हाल शिवसेना के साथ हुआ था, जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी के 40 विधायकों ने उद्धव ठाकरे से किनार कर लिया था।
बताते चलें कि महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेंस पार्टी के कुल 53 विधायक हैं। इनमें 31 विधायक अजित पवार की बैठक में और 13 विधायक शरद पवार की बैठक में शामिल हुए। वहीं, 9 विधायक किसी भी गुट की बैठक में शामिल नहीं हुए।
अजित पवार गुट ने बुधवार (5 जुलाई 2023) को चुनाव आयोग के समक्ष एक हलफनामा दाखिल किया है। उन्होंने कहा है कि NCP के सदस्यों ने 30 जून 2023 को भारी बहुमत के साथ एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें शरद पवार को हटाकर अजित पवार को NCP का अध्यक्ष चुना गया था।
हलफनामा में यह भी बताया गया है कि प्रफुल्ल पटेल राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष थे और वे अभी भी उस पद पर बने हुए हैं। एनसीपी ने अजित पवार को महाराष्ट्र विधानसभा में NCP विधायक दल का नेता नियुक्त करने का भी फैसला किया है।
इसके पहले शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल ने 3 जुलाई 2023 को चुनाव आयोग को एक ई-मेल भी भेजा था। इस ई-मेल में एक कैविएट दायर की थी। उन्होंने आयोग को महाराष्ट्र विधानसभा के 9 सदस्यों को अयोग्य ठहराने की कार्यवाही के बारे में भी बताया।
महाराष्ट्र के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बुधवार (5 जुलाई 2023) को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि शरद पवार ने NCP को इस स्तर पर पहुँचाया। वे कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा मार्गदर्शक बने रहेंगे। इसके साथ ही अजित पवार ने उन्हें अब राजनीति से संन्यास लेने की सलाह दी।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार कहते हैं, “आपने मुझे सबके सामने खलनायक के रूप में चित्रित किया। मेरे मन में अभी भी उनके (शरद पवार) लिए गहरा सम्मान है…लेकिन आप मुझे बताएं, आईएएस अधिकारी 60 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं…राजनीति में भी
- अजित पवार ने कहा, “आईएएस अधिकारी 60 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं…राजनीति में भी बीजेपी नेता 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। आप लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का उदाहरण देख सकते हैं। इससे नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका मिलता है। आप (शरद पवार) हमें अपना आशीर्वाद दें। आप 83 वर्ष के हैं। क्या आप रुकने वाले नहीं हैं?”
#WATCH | Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar says, "You portrayed me as a villain in front of everyone. I still have deep respect for him (Sharad Pawar)…But you tell me, IAS officers retire at 60…even in politics
— ANI (@ANI) July 5, 2023
– BJP leaders retire at 75. You can see the example of LK Advani… pic.twitter.com/T2XqCzEH89
उधर बैठक के दौरान अपने गुट के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा, “पार्टी का चुनाव चिह्न हमारे पास है, वह कहीं नहीं जाएगा। जो लोग और पार्टी कार्यकर्ता हमें सत्ता में लाए, वे हमारे साथ हैं। जिन विधायकों ने अलग होने का फैसला किया, उन्होंने हमें विश्वास में नहीं लिया। अजित पवार गुट ने किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है।”
शरद पवार की बैठक में जो 13 विधायक शामिल हुए, उनमें विधायक अनिल देशमुख, रोहित पवार, राजेंद्र शिंगणे, अशोक पवार, किरण लाहामाटे, प्राजक्त तानपुरे, बालासाहेब पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, चेतन विट्ठल, जयंत पाटिल, राजेश टोपे, संदीप और देवेंद्र भूयर शामिल हैं।