6 अप्रैल को शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने घोषणा की कि वह आगामी दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (DSGMC) चुनावों में ग्रेटर कैलाश क्षेत्र से केहर सिंह के बेटे चरणजीत सिंह को उम्मीदवार के तौर पर उतार रहे हैं। ज्ञात हो कि केहर सिंह इंदिरा गाँधी की हत्या की साजिश का आरोपित था। इंदिरा गाँधी के हत्यारों में से एक बेअंत सिंह ने केहर सिंह की भतीजी से शादी की थी।
फेसबुक के अपने पोस्ट में सिरसा ने लिखा, “शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार के रूप में शहीद भाई केहर सिंह के बेटे चरणजीत सिंह का नाम आगे करते हुए हम गर्व महसूस कर रहे हैं। वह ग्रेटर कैलाश से चुनाव लड़ेंगे और डीएसजीमसी का अंग बनने के लिए उन्हें आपके आशीर्वाद की जरूरत है।”
केहर सिंह की कहानी :
31, अक्टूबर 1984 को बेअंत सिंह और सतवन्त सिंह द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या कर दी गई थी। ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेने के लिए गाँधी की हत्या की गई थी। ऑपरेशन ब्लू स्टार एक सैन्य ऑपरेशन था जिसमें कई खालिस्तानी मारे गए थे जिसमें खालिस्तानियों का सरगना जरनैल सिंह भिंडरावाला भी शामिल था। हालाँकि, उस घटना के बाद से पंजाब से उग्रवाद का सफाया करने में कई साल लग गए थे।
केहर सिंह, बेअंत सिंह को स्वर्ण मंदिर ले गया था, इंदिरा गाँधी की हत्या की शपथ दिलाने :
रजिस्टर गार्ड में 12 फरवरी 1985 को एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई जिसमें यह बताया गया था कि केहर सिंह, बेअंत सिंह को स्वर्ण मंदिर ले गया जहाँ उसने बेअंत सिंह को इंदिरा गाँधी की हत्या करने की शपथ दिलाई।
बेअंत सिंह की पत्नी बिमल कौर खालसा ने केहर सिंह के विरुद्ध अपने बयान में कहा कि 17 अक्टूबर 1984 को बेअंत सिंह और केहर सिंह ने घर की छत पर इंदिरा गाँधी की हत्या की साजिश रची। वहाँ सतवन्त सिंह भी मौजूद था। 20 अक्टूबर 1984 को बेअंत सिंह और केहर सिंह अपने परिवार के साथ स्वर्ण मंदिर गए जहाँ बेअंत सिंह ने इंदिरा गाँधी की हत्या की शपथ ली।
सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में यह बताया गया था कि ऑपरेशन ब्लू स्टार के केहर सिंह अक्सर बेअंत सिंह के घर पहुँचता था। इस दौरान दोनों स्वर्ण मंदिर परिसर में अकाल तख्त के नष्ट होने की बात करते लेकिन बिमल के आने पर चुप हो जाते थे।
केहर सिंह एक उग्र विचार वाला व्यक्ति था। न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए कहा था कि उसके मन में इंदिरा गाँधी के लिए बहुत नफरत थी। यह नफरत इसलिए थी क्योंकि ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान स्वर्ण मंदिर में अकाल तख्त नष्ट हो गया था। केहर सिंह ने बेअंत सिंह और सतवन्त सिंह को भी बहकाया। न्यायालय ने बताया कि केहर सिंह, बेअंत सिंह को स्वर्ण मंदिर भी ले गया।
तत्कालीन पीएम गाँधी की हत्या के बाद केहर सिंह ने कहा था कि जो भी पंथ के सामने खड़ा होगा उसका यही हश्र होगा। जाँच के बाद सभी आरोपितों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता और आर्म्स ऐक्ट के तहत कई धाराएँ लगाई गईं। 6 जनवरी 1989 को केहर सिंह को फाँसी दे दी गई थी।