लोकसभा चुनावों के आते-आते सबके जहन में एक सवाल जो आम तौर पर उठ रहा होता है वो यह कि पीएम पद के उम्मीदवार पर किसका नाम सामने आएगा। यह सवाल यदि आम जनता से पूछा जाए तो शायद उनकी जुबान का हड़बड़ाना बनता है, लेकिन यदि राजनीति से जुड़ा दिग्गज भी इस सवाल को टाल जाए, तो उसे क्या समझा जाएगा!
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से जब शनिवार (जनवरी 19, 2019) को प्रधानमंत्री के पद के लिए उम्मीदवार का नाम पूछा गया तो वो इस सवाल को टालते हुए नज़र आए।
उन्होंने कोलकाता में “यूनाइटेड रैली” के मौके पर में इंडिया टुडे टीवी को बताया कि प्रधानमंत्री के पद पर उम्मीदवार से कोई मतलब नहीं है। अगर किसी चीज़ से मतलब है तो वो यह कि देश को नए प्रधानमंत्री की जरूरत है। जो देश को जरूर मिलेगा।
बता दें कि अखिलेश का यह लच्छेदार जवाब उस समय आया, जब उनसे पूछा गया कि मायावती और ममता बनर्जी में से प्रधानमंत्री के पद के लिए कौन बेहतर उम्मीदवार है?
ममता बनर्जी और मायावती महागठबंधन के दो ऐसे प्रसिद्ध चेहरे हैं, जो आगामी लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जा सकते हैं। ये दोनों ही महिलाएँ अपने-अपने राज्यों में सबसे सशक्त महिला राजनेताओं में से एक हैं।
दिलचस्प यह है कि एक तरफ जहाँ अखिलेश कोलकाता में ममता की रैली का हिस्सा बने वहीं दूसरी तरफ मायावती इस रैली में शामिल नहीं हुईं।
इस रैली में विपक्षी पार्टियों के करीब 20 बड़े चेहरों ने शिरकत की। इनमें शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू, एचडी कुमारस्वामी, फ़ारूख अब्दुल्लाह और उमर अब्दुल्लाह भी दिखे।
हैरान करने वाली बात यह रही कि शत्रुघन सिन्हा, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी भी इस रैली में ‘दीदी’ को सपोर्ट करते दिखाई दिए।