प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आंदोलनजीवी’ वाले बयान पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर पलटवार किया। सपा नेता ने मंगलवार (फरवरी 9, 2021) को संसद में राम मंदिर के नाम पर चंदा इकट्ठा कर रहे कार्यकर्ताओं को चंदाजीवी संगठन का सदस्य कहकर बुलाया।
कथित किसान आंदोलनकारियों के पक्ष में अपनी बात रखते हुए अखिलेश यादव बोले, “आंदोलन के बारे में क्या कहा जा रहा है? वे लोग आंदोलनजीवी हैं। मुझे उन लोगों को क्या कहना चाहिए जो दान लेने के लिए बाहर जाते हैं? क्या वे चंदाजीवी संगठन के सदस्य नहीं है?”
आगे उन्होंने एमएसपी को लेकर भी बात की। मगर, सोशल मीडिया पर उनका चंदाजीवी वाला बयान वायरल होने लगा। भाजपा कार्यकर्ता विकास प्रीतम सिंह ने कहा, “प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए लोगों द्वारा किए जा रहे धनार्पण को संग्रहित करने में समय व श्रम लगा रहे लोगों को चंदाजीवी कहना- अखिलेश यादव की न केवल तुच्छ सोच को दर्शाता है अपितु कारसेवकों को गोलियों से भून देने वाली उनकी विरासत का भी प्रकटीकरण है।”
प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए लोगों द्वारा किये जा रहे धनार्पण को संग्रहित करने में समय व श्रम लगा रहे लोगों को चंदाजीवी कहना; अखिलेश यादव की न केवल तुच्छ सोच को दर्शाता है अपितु कारसेवकों को गोलियों से भून देने वाली उनकी विरासत का भी प्रकटीकरण है।@shalabhmani pic.twitter.com/6sLu9G0Ng6
— VikashPreetamSinha (@VikashPreetam) February 10, 2021
विनय श्रीवास्तव लिखते हैं, “ये खुद तो ‘टोंटीजीवी’ हैं, विरासती गद्दी धारी हैं, हिन्दू और हिंदुत्व विरोधी हैं, मुस्लिम परस्त हैं। बाप मुलायम सिंह यादव का सबके सामने स्टेज पर ही अपमान कर चुके हैं। यूपी का सीएम रहते अरबों रुपए का घोटाला करवा चुके हैं और दूसरों को नसीहत दे रहे हैं। खुद मियाँ फजीहत।”
ये खुद तो ” टोंटि जीवी” हैं, विरासती गद्दी धारी हैं, हिन्दू और हिंदुत्व विरोधी हैं, मुस्लिम परस्त हैं। बाप मुलायम सिंह यादव का सबके सामने स्टेज पर ही अपमान कर चुके हैं। यू पी का सीएम रहते अरबों रुपए का घोटाला करवा चुके हैं और दूसरों को नसीहत दे रहे हैं।
— Vinay Srivastav (@VinaySr15926177) February 10, 2021
” खुद मियां फजीहत,……”
रक्षित राठौर लिखते हैं, “भैया ये क्या कह दिए आप। मानते है हम कि आपकी विचार धारा दूषित है,पर इसको सार्वजनिक पटल पर तो न लाते कम से कम। कही ऐसा न हो। 2022 के चुनाव में, जनता आपको चंदा माँगने लायक न छोड़े।”
@yadavakhilesh भैया ये क्या कह दिए आप। मानते है हम कि आपकी विचार धारा दूषित है,पर इसको सार्वजनिक पटल पर तो न लाते कम से कम। कही ऐसा न हो । २०२२ के चुनाव में, जनता आपको चंदा मांगने लायक न छोड़े।❗😶
— RAKSHIT RATHORE (@tapanrathour) February 10, 2021
जो #श्रीराम का नही!
वो किसी काम का नहीं!!
🙏💪🙏😊😊🙏
बता दें कि इस भाषण में अखिलेश यादव ने आंदोलन करने वालों की महत्ता बताई। वह बोले कि राष्ट्र ने आंदोलन के जरिए स्वतंत्रता प्राप्त की। आंदोलन के माध्यम से असंख्य अधिकार प्राप्त हुए। महिलाओं को आंदोलन के माध्यम से मतदान का अधिकार प्राप्त हुआ। महात्मा गाँधी राष्ट्र के पिता बने क्योंकि उन्होंने अफ्रीका, देश और विश्व में आंदोलन किया। इसके अलावा कई नेता भी सिर्फ़ ऐसे आंदोलनों से निकले।
उन्होंने पूछा कि यदि सरकार कहती है कि कानून किसानों के लिए हैं, अगर किसान इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं तो इसे वापस क्यों नहीं लिया जा रहा है। आखिर सरकार को कौन रोक रहा है? अखिलेश ने आगे कहा कि ऐसे आरोप हैं कि सरकार ने कॉरपोरेट्स के लिए कारपेट बिछाया है।
गौरतलब है कि कि प्रधानमंत्री ने राज्य सभा में पिछले दिनों बयान दिया था कि पहले श्रमजीवी और बुद्धिजीवी हुआ करते थे, अब एक नया वर्ग जुड़ गया है – आन्दोलनजीवी… और ये सारे आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं। पीएम के इसी बयान पर कल अखिलेश यादव ने राम मंदिर के नाम पर चंदा लेने जा रहे लोगों को चंदाजीवी कहकर बुलाया।