Monday, December 23, 2024
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सोनिया गाँधी साथ पाकिस्तानी अरूसा आलम, पूर्व PM मनमोहन भी लपेटे में: कैप्टन अमरिंदर ने पंजाब के बहाने पूरे कॉन्ग्रेस को घेरा

2007 में जब अमरिंदर सिंह सीएम नहीं थे, तब देश के पीएम मनमोहन सिंह के आदेश पर अरूसा आलम को वीजा देने के लिए NSA द्वारा इन्क्वायरी की गई थी... सोनिया गाँधी भी अरूसा आलम (जिसे कॉन्ग्रेसी उपमुख्यमंत्री ने ही ISI एजेंट बताया) से मिल चुकी हैं।

पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आमने-सामने आ गए हैं। रंधावा ने शुक्रवार (22 अक्टूबर 2021) को कहा कि पंजाब पुलिस पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पाकिस्तानी पत्रकार दोस्त अरूसा आलम की आईएसआई से लिंक की जाँच करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार ने इसको लेकर जो ट्वीट किए हैं, उससे अब यह मसला सिर्फ अरूसा आलम तक सीमित नहीं रहा बल्कि कॉन्ग्रेस और सोनिया गाँधी से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक पहुँच गया है।

अरूसा आलम की आईएसआई से लिंक और पंजाब पुलिस द्वारा इसकी जाँच को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार ने एक तस्वीर पोस्ट की। इसमें कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और अरूसा आलम को हाथ मिलाते देखा जा सकता है। तस्वीर के साथ ही तंज कसते हुए उन्होंने ‘Just by the way’ लिखा।

इससे पहले रंधावा ने पंजाबी में किया गया एक ट्वीट हटा दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई के साथ अरूसा आलम के कथित संबंध की जाँच के आदेश जारी किए गए हैं। गुरुवार को मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कि क्या अरूसा एक आईएसआई एजेंट थी, इस पर रंधावा ने जालंधर में कहा था कि वह पुलिस महानिदेशक से यह देखने के लिए कहेंगे कि ‘बीबी जी (अरूसा) के (आईएसआई के साथ) क्या संबंध हैं।’ रंधावा ने कहा कि वह डीजीपी से मुख्यमंत्री के रूप में अमरिंदर के समय में पाकिस्तान से ड्रोन आने की रिपोर्ट की जाँच करने के लिए भी कहेंगे।

इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार ने शुक्रवार को पलटवार करते हुए पूर्व सीएम की तरफ से कहा, “रंधावा मेरे मंत्रिमंडल में मंत्री थे। तब कभी अरूसा आलम के बारे में शिकायत क्यों नहीं की?

अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार ने स्पष्ट किया कि अरूसा आलम का वीजा पूर्व सीएम ने ही स्पॉन्सर किया था… वो भी 16 सालों तक। लेकिन उसकी पूरी प्रक्रिया एक सामान्य पाकिस्तानी नागरिक के वीजा प्रोसेस के तहत (विदेश मंत्रालय, हाई कमीशन, रॉ, आईबी) ही हुई थी। 2007 में जब अमरिंदर सिंह सीएम नहीं थे, तब देश के पीएम मनमोहन सिंह के आदेश पर अरूसा आलम को वीजा देने के लिए NSA द्वारा इन्क्वायरी की गई थी।

पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि अरूसा 16 साल से भारत सरकार की मंजूरी के बाद ही यहाँ आ रही है। कैप्टन के मीडिया सलाहकार ने लिखा कि अरूसा यूपीए और एनडीए के कार्यकाल में भारत आईं, तो क्या वो यह कहना चाहते हैं कि दोनों सरकारें आईएसआई से मिली हुई थीं?

अमरिंदर ने रंधावा से कहा, “ऐसे समय में जब आतंकवाद का खतरा अधिक है और त्योहार नजदीक हैं, कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय आपने पंजाब की सुरक्षा को दाव पर लगाते हुए डीजीपी पंजाब पुलिस को आधारहीन जाँच पर लगा दिया।”

कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से उनके मीडिया सलाहकार ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर सुखजिंदर सिंह रंधावा को घेरा। उन्होंने कहा, “तो अब आप व्यक्तिगत हमले का सहारा ले रहे हैं। अपना पद संभालने के एक महीने बाद आपको लोगों को दिखाना होगा। बरगाड़ी और ड्रग्स के मामले में आपके बड़े-बड़े वादों का क्या हुआ? पंजाब अभी भी आपके वादे के मुताबिक कार्रवाई का इंतजार कर रहा है।”

पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जालंधर में शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “किसी ने भी यह नहीं कहा है कि जाँच की जाएगी।” रंधावा ने आगे कहा कि यह उनका (कप्तान) डर था। पूर्व सीएम होने के नाते अमरिंदर को पता होना चाहिए कि यह रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) था, न कि राज्य सरकार ने विदेशी नागरिकों से पूछताछ की थी। पंजाब के उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा, “पता नहीं क्यों उनको डर लग रहा है।”

हालाँकि, इसके तुरंत बाद रंधावा ने चार ट्वीट किए, जिनमें से एक में लिखा था, “वैसे, कैप्टन अमरिंदर सर आप अरूसा और आईएसआई लिंक की जाँच से इतने परेशान क्यों हैं? उसका वीजा किसने स्पॉन्सर किया था और उससे जुड़ी हर चीज की पूरी जाँच की जाएगी। मुझे उम्मीद है कि संबंधित सभी लोग जाँच में पुलिस का सहयोग करेंगे।”

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अब कह रहे हैं कि प्रदेश को आईएसआई से खतरा है। जबकि एक वीडियो में कैप्टन की महिला मित्र अरूसा आलम आईएसआई के लोगों के साथ खड़ी हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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