Sunday, September 1, 2024
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अमित शाह ने रखा J&K में राष्‍ट्रपति शासन बढ़ाने का प्रस्‍ताव, कॉन्ग्रेस नाराज

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब कोई दल राज्य में सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं था तो कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया गया था। इसके बाद विधानसभा को भंग करने का फैसला राज्यपाल ने लिया था।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (जून 28, 2019) को लोकसभा में जम्‍मू-कश्‍मीर में राष्‍ट्रपति शासन को 6 महीने तक और बढ़ाने का प्रस्‍ताव रखा। प्रस्‍ताव रखते हुए अमित शाह ने कहा, “जम्मू कश्मीर में रमजान और अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी कर रहे हैं। हम जम्मू कश्मीर में स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में बंकरों का निर्माण तय समय सीमा में किया जाएगा। हर व्यक्ति का जीवन हमारे लिए महत्वपूर्ण है।”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अभी विधानसभा चुनाव कराने का माहौल नहीं है, इसलिए 6 महीने के लिए और राष्ट्रपति शासन बढ़ाया जाए। वहीं कॉन्ग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाए जाने के सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया।

अमित शाह ने प्रस्‍ताव पेश करते हुए कहा, “पहली बार जनता महसूस कर रही है कि जम्मू और लद्दाख भी राज्य का हिस्सा है। सबको अधिकार देने का काम मोदी सरकार ने किया है। हमारे लिए सीमा पर रहने वाले लोगों की जान कीमती है। कश्मीर में लोकतंत्र बहाली बीजेपी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आतंकवाद के खात्मे की कार्रवाई भी की जा रही है।” अमित शाह ने सदन से अपील करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन के प्रस्ताव का समर्थन करें।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब कोई दल राज्य में सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं था तो कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया गया था। इसके बाद विधानसभा को भंग करने का फैसला राज्यपाल ने लिया था। दिसंबर 09, 2018 को राज्यपाल शासन की अवधि खत्म हो गई थी और फिर धारा 356 का उपयोग करते हुए 20 दिसंबर से वहाँ राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया गया।

लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 2 जुलाई को 6 माह का अंतराल खत्म हो रहा है और इसलिए इस राष्ट्रपति शासन को बढ़ाया जाए क्योंकि वहां विधानसभा अस्तित्व में नहीं है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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