केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार (11 दिसंबर 2021) अहमदाबाद में कदवा पाटीदार समुदाय की कुलदेवी उमिया माता को समर्पित उमिया धाम का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बीते कई सालों से हिंदुओं की आस्था के केंद्र मंदिरों को अपमानित करने की कोशिश की गई। इसके बाद साल 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार ने सत्ता में आने के बाद नए युग की शुरुआत की। अब पीएम इन जगहों का बड़ी ही निडरता से पुनर्निमाण करवा रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्री शाह ने कहा कि पहले लोग मंदिरों में जाने से कतराते थे। उमियाधाम के बारे में बोलते हुए उन्होंने बताया कि 74 हजार वर्ग गज जमीन पर 1,500 करोड़ रुपए की लागत से मंदिर व अन्य भवन बन रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कई वर्षों तक हिंदू समुदाय के आस्था के केंद्रों को अपमानित किया गया और जब तक मोदी पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में सत्ता में नहीं आए, तब तक किसी ने भी इस गौरव को वापस लाने की पहल नहीं की।”
इस अवसर पर शाह ने कहा, “आज जब एक भव्य मंदिर का शिलान्यास आर्य समाज (गुजरात के राज्यपाल) आचार्य देवव्रत द्वारा किया जा रहा है, मैं यह कहना चाहूँगा कि मोदीजी ने हमारे भूले-बिसरे मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए निडर और विश्वास और सम्मान के साथ काम किया है।”
काशी विश्वनाथ और विंध्याचल मंदिर का किया जिक्र
केंद्रीय मंत्री ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बनाए गए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का जिक्र किया, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री 13 दिसंबर 2021 को करेंगे। साथ ही उन्होंने मिर्जापुर स्थित माँ विंध्यवासिनी धाम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए इसी साल अगस्त में विंध्याचल कॉरिडोर परियोजना की शुरुआत की गई थी। इसके लिए 150 करोड़ रुपए भी आवंटित किए गए थे।
इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि विंध्याचल में मुस्लिमों के डर से हिंदुओं ने माँ विंध्यवासिनी की मूर्ति को एक घर के भीतर छिपाकर रखा था और उसे वहीं स्थापित कर रखा था। इसके अलावा उन्होंने हाल ही में केदारनाथ में पीएम मोदी द्वारा आदि गुरू शंकराचार्य के प्रतिमा का अनावरण किए जाने का भी उल्लेख किया।