भाजपा ने घोषणा की है कि साल के अंत में होने वाले तीन राज्यों (महाराष्ट्र, झारखंड व हरियाणा) के विधानसभा चुनाव तक अमित शाह ही संगठन की कमान संभालेंगे। खबरों के अनुसार इन तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं, जिसके कारण पार्टी किसी तरह का कोई खतरा नहीं उठा सकती। जरूरत पड़ने पर अमित शाह की सहायता के लिए पार्टी किसी को कार्यकारी अध्यक्ष भी बना सकती है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि 3 राज्यों (जिनमें विधानसभा चुनाव होने वाले हैं) में अमित शाह की जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ है। ऐसे में अगर संगठन की जिम्मेदारी किसी नए चेहरे को सौंपी जाएगी, तो उसे माहौल समझने में समय लगेगा, जबकि पार्टी के पास इसके लिए बिलकुल वक्त नहीं है।
A report on @ndtvindia 24 hours ago, confirmed today. @AmitShah to stay on as @BJP4India chief till end of the year. https://t.co/h0MFe5jFH0
— Sanket संकेत (@sanket) June 13, 2019
भारतीय जनता पार्टी की बैठक का ब्यौरा देते हुए भूपेंद्र यादव ने बताया कि अमित शाह ने 2014 में अध्यक्ष बनते हुए कहा था कि पार्टी का सबसे अच्छा समय अभी नहीं आया है और आज एक बार फिर उन्होंने अपनी बात को दोहराया है। भूपेंद्र यादव के अनुसार अमित शाह ने फिर कहा है कि पार्टी का ‘पीक’ अभी नहीं आया है, जिन क्षेत्रों में पार्टी अभी नहीं पहुँची है उन सबमें पार्टी पहुँचेगी।
याद दिला दें कि लोकसभा चुनाव में 300 का आँकड़ा पार करके ऐतिहासिक जीत दर्ज कराने वाली भाजपा ने जीत का पूरा श्रेय अमित शाह की रणनीति और उनकी रणनीति को दिया था। गृह मंत्री पद संभालते ही ऐसी अटकलें लगनी शुरू हो गई थी कि उनके लिए अब मंत्रालय और पार्टी दोनों का कार्यभार संभाल पाना थोड़ा मुश्किल होगा। लेकिन फिर भी आगामी चुनावों को देखते हुए ये बड़ा फैसला लिया गया।
हालाँकि, बता दें भाजपा अध्यक्ष के रूप में अमित शाह का 3 वर्षीय कार्यकाल इस साल की शुरुआत में ही समाप्त हो गया था, लेकिन तब भी पार्टी ने उनसे चुनाव तक पद पर बने रहने को कहा था। भाजपा के संविधान के अनुसार किसी व्यक्ति को लगातार 2 कार्यकाल के लिए अध्यक्ष चुना जा सकता है। उस हिसाब से अभी शाह के पास 1 कार्यकाल बाकी है।