केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को लेकर चल रहे ‘किसान आंदोलन’ का क्रेडिट लेने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) और कॉन्ग्रेस में होड़ मची हुई है। दिल्ली और पंजाब, दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री आपस में लड़ रहे हैं। सोमवार (दिसंबर 14, 2020) को अरविंद केजरीवाल ने किसान संगठनों के ऐलान का समर्थन करते हुए अपनी पार्टी के नेताओं के साथ उपवास रखा। पंजाब के मख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने उन पर निशाना साधा।
पंजाब सीएम ने कहा कि पूरा पंजाब जानता है कि वो प्रवर्तन निदेशालय (ED) या किसी भी अन्य एजेंसियों के केस से डरने वाले नहीं हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल तो अपनी आत्मा तक बेच देंगे, अगर इससे उनके राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति होती हो। उन्होंने दिल्ली सीएम से कहा कि अगर आपको लगता है कि आपके ‘ड्रामे’ से किसान आपके पक्ष में जाएँगे, तो ये आपकी ग़लतफ़हमी ही है।
कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने ट्विटर पर दिल्ली की AAP सरकार को याद दिलाया कि उसने नवंबर 23, 2020 को ही केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को दिल्ली गैजेट के माध्यम से अधिसूचित कर दिया था। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पूरे पंजाब को पता है कि केजरीवाल ने किसानों के हित को बेच दिया है। उन्होंने केजरीवाल से पूछा कि आप पर मोदी सरकार का कौन सा दबाव था, जो आपने ऐसा किया? हालाँकि, इसके बाद केजरीवाल ने भी उन पर पलटवार किया।
AAP के मुखिया ने कहा कि रिकार्ड्स ये कहते हैं कि कैप्टेन अमरिंदर सिंह भी उस समिति का हिस्सा थे, जिसने इन कृषि कानूनों का मसौदा तैयार किया था। उन्होंने दावा किया कि अमरिंदर सिंह के पास इन कानूनों को रोकने की शक्ति थी। साथ ही उन्होंने पूछा कि जब इन कानूनों को लेकर केंद्र तैयारियाँ कर रहा था, तब आप मोदी सरकार के साथ क्यों थे? केजरीवाल ने इसे पूंजीपतियों का कानून बताते हुए दावा किया कि इससे महँगाई दोगुनी हो जाएगी।
इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दावा कि समिति की किसी भी बैठक में इन कृषि कानूनों को लेकर विचार-विमर्श हुआ ही नहीं था। उन्होंने दिल्ली CM पर लगातार झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल का भाजपा के साथ गठजोड़ है। उन्होंने कहा कि भाजपा उन पर आरोप नहीं लगा सकती, क्योंकि उसे आपके साथ गठजोड़ को छिपाना है। वहीं केजरीवाल ने इन कानूनों को ‘जनता को कैप्टेन का गिफ्ट’ करार दिया।
These farm laws were NOT discussed at any meeting & your repeated lies will not change that Mr @ArvindKejriwal. And naturally BJP can’t accuse me of double standards as I don’t have any nexus with them like you have. They after all have to cover up their collusion with you! https://t.co/R7Diu8jrzN
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) December 14, 2020
ये पहली बार नहीं है, जब सोशल मीडिया पर दोनों के बीच झड़प हुई हो। किसान आंदोलन को लेकर दोनों पहले भी लड़ चुके हैं। जब अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, तब भी AAP उन पर हमलावर हो गई थी और ‘दिल्ली दरबार में हाजिरी’ लगाने का आरोप मढ़ा था। कॉन्ग्रेस की परेशानी ये है कि दिल्ली सरकार प्रदर्शनकारियों को जो सुविधा दे रही है, ऐसे में उसकी मेहनत बेकार न चली जाए।
पंजाब में राजनीति चमकाने की इच्छा रखने वाले केजरीवाल वहाँ के मामलों में हस्तक्षेप करते रहते हैं। जुलाई-अगस्त 2020 में जब जहरीली शराब के कारण हूच में 100 से अधिक लोग मारे गए थे, जिसके बाद केजरीवाल ने इस काण्ड की सीबीआई जाँच की माँग की थी। अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लेते हुए अमरिंदर सिंह ने एक बयान में आरोप लगाया कि, इतने सारे लोग मारे गए हैं और अरविंद केजरीवाल को इस घटना से राजनीतिक मुद्दा बनाने में दिलचस्पी है। उन्होंने केजरीवाल को अपने काम से काम रखने की भी सलाह दी थी।