Wednesday, June 18, 2025
Homeराजनीतिमोदी सरकार से अलग होने का फैसला TDP को ले डूबा: चंद्रबाबू नायडू को...

मोदी सरकार से अलग होने का फैसला TDP को ले डूबा: चंद्रबाबू नायडू को अब हो रहा पछतावा

2019 के चुनावी पराजयों के बाद टीडीपी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही। उसके कई बड़े नेता बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। जून में पार्टी के छह राज्यसभा सांसदों में से चार भाजपा में शामिल हो गए थे।

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा नीत एनडीए छोड़ने के अपने फैसले पर सार्वजनिक तौर पर खेद जताया है। एनडीए से अलग होने के बाद हुए आम चुनावों और आंध्र प्रदेश राज्य विधानसभा चुनावों में टीडीपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था।

जानकारी के मुताबिक नायडू ने विशाखापत्तनम जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए एनडीए सरकार छोड़ने के अपने फैसले पर खेद व्यक्त किया। इससे पहले नायडू कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन के फैसले पर भी खेद जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस के साथ हाथ मिलाना बहुत बड़ी गलती थी, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

टीडीपी पार्टी अध्यक्ष ने शनिवार (अक्टूबर 12, 2019) को यह भी स्वीकार किया कि मई 2018 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार से बाहर होने के फैसले ने इस साल विधानसभा और लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी को बड़ा झटका दिया। नायडू ने कहा कि आंध्र के लिए विशेष दर्जे की माँग को बल देने के लिए उन्होंने मोदी सरकार से अलग होने का फैसला किया था। लेकिन यह टीडीपी को भारी पड़ा।

एनडीए से अलग होने के बाद नायडू विपक्षी मोर्चा बनाने के लिए सबसे ज्यादा सक्रिय नजर आए थे। यहॉं तक आम चुनावों के बाद जब एक्जिट पोल बता रहे थे कि मोदी सरकार लौट रही है तब भी उन्हें एनडीए के हार की उम्मीद थी। नतीजों के ठीक पहले तक वे गैर एनडीए दलों को साथ लाने की कवायद में जुटे हुए थे।

हालॉंकि अपने पूर्व के फैसले पर अफसोस जताए जाने के बावजूद एनडीए में नायडू की वापसी के आसार नहीं दिख रहे। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “अमित शाह ने उसी वक्त नायडू से कह दिया था कि उनकी पार्टी के लिए राजग के दरवाजे अब बंद हो चुके हैं।”

2019 के चुनावी पराजयों के बाद टीडीपी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही। उसके कई बड़े नेता बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। जून में पार्टी के छह राज्यसभा सांसदों में से चार भाजपा में शामिल हो गए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हमें पता है ईरान के नेता कहाँ छुपे हैं पर अभी उन्हें नहीं मारेंगे- ट्रंप ने दी खुली चुनौती: खामेनेई ने भी किया युद्ध...

ट्रंप ने कहा हम जानते है खामेनेई कहाँ है, अभी उन्हें मारेंगे नहीं, चीनी राष्ट्रपति ने कहा देश की आजादी को नुकसान पहुँचाने वाले के खिलाफ है हम

डियर खान सर, 4 बजे तक 1.5 GB डाटा फूँक देने वाली पीढ़ी ने ही आपको बनाया है… सवाल पूछने के उसके साहस पर...

स्मिता प्रकाश के साथ पॉडकास्ट में छात्रों के 'खान सर' ने उसी पीढ़ी को खारिज करने की कोशिश की है, जिसने डाटा फूँक कर फैसल खान को 'खान सर' बनाया है।
- विज्ञापन -