आंध्र प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री के. नारायण स्वामी ने शनिवार (अप्रैल 11, 2020) को तबलीगी जमात के सदस्यों पर भारत में कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जमातियों ने खुलेआम इधर-उधर घूम कर कोविड-19 का संक्रमण पूरे देश में फैलाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जमाती न तो स्वास्थ्यकर्मियों के साथ सहयोग कर रहे हैं और न ही पुलिस-प्रशासन की बात मान रहे हैं। तिरुपति में उन्होंने ये बयान दिया। हालाँकि, हंगामा होने पर उन्होंने माफ़ी माँग ली।
मीडिया से बातचीत करते हुए स्वामी ने जमातियों के न सिर्फ़ खानपान पर सवाल खड़े किए, बल्कि उनकी दिनचर्या और रहन-सहन की भी आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया में सर्कुलेट हो रहे वीडियोज का हवाला देते हुए ये ऑय बातें कही। बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज़ में जमाती एक-दूसरे का जूठा खाते हैं। उन्हें यह भी सिखाया जाता है कि मल-मूत्र का त्याग कैसे करना है। सेक्स कैसे करना है। वहाँ एक ही पानी में सभी हाथ-मुँह धोते हैं और 6-7 लोग बैठ कर एक ही थाली में खाते हैं। इन्हीं कारणों से जमातियों में कोरोना तेज़ी से फैला।
के. नारायण स्वामी ने दावा किया कि आंध्र प्रदेश में 25-26 से ज्यादा कोरोना वायरस के मरीज नहीं होते, लेकिन जमातियों ने यहाँ आकर सब गुड़-गोबर कर दिया। राज्य में फ़िलहाल कोरोना वायरस के 405 मामले हैं, जिनमें से 6 की मौत हो चुकी है। अब तक मात्र 10 लोग ही इलाज के बाद ठीक हो सके हैं। स्वामी ने तबलीगी जमात और आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर कहा:
“मेरे मन में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ कोई दुर्भावना नहीं है। वो अल्लाह से दुआ कर सकते हैं। अल्लाह दयालु है। लेकिन, वे सारे गंदे काम करते हैं। खानपान में वे शुद्धता का पालन नहीं करते। साफ़-सफाई का भी ध्यान नहीं रखते। उन्होंने अपनी आदतों के कारण आज कोरोना से उपजी आपदा को यहाँ लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने गलियों में और दुकानों में घूम कर इस रोग को फैलाया। मैं उन सबसे आग्रह करता हूँ कि आप डॉक्टरों का सहयोग कीजिए और अपना इलाज करवा कर ठीक होइए। दूसरों को आपसे संक्रमण न हो, इसके लिए ऐसा करना आवश्यक है।”
वाईएसआर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी द्वारा तबलीगी जमात का बचाव किए जाने के बाद स्वामी का यह बयान सामने आया है। रेड्डी का कहना था कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए किसी एक मजहबी कार्यक्रम या किसी एक संगठन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने सद्गुरु जग्गी वासुदेव, श्री श्री रविशंकर और माता अमृतानंदमयी के कार्यक्रमों की बात करते हुए कहा कि जो मरकज़ में हुआ, वो इन तीनों संतों के कारण हुए जुटाव में भी हो सकता था।
Andhra Pradesh Dy CM K Naryana Swamy on Saturday night apologised for the comments he made earlier in the day about the Tablighi Jamaat.https://t.co/YRNT6YpQ4s
— News18.com (@news18dotcom) April 12, 2020
हालाँकि, शनिवार को ही बाद में एक ट्वीट कर नारायण स्वामी ने अपना बयान वापस ले लिया। साथ ही कहा कि अगर किसी को उनके बयान से ठेस पहुँची है तो वो इसके लिए माफी माँगते हैं। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री के कहने का बाद उन्होंने ऐसा किया। जगन ने कहा था कि कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में मजहब और जाति को लेकर कोई बहस नहीं होनी चाहिए और सबको मिलकर इससे लड़ना चाहिए।