राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने रविवार (जुलाई 11, 2021) को संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए अपने संयुक्त महासचिव अरुण कुमार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा/BJP) के साथ कॉर्डिनेशन का काम सौंपा है। इससे पहले RSS की ओर से भाजपा के साथ कॉर्डिनेशन का जिम्मा कृष्ण गोपाल के पास था। साल 2015 से वह इस काम को संभाल रहे थे।
मध्यप्रदेश के चित्रकूट में चल रही संघ की बैठक में यह घोषणा हुई। इसी साल की शुरुआत में, आरएसएस ने दत्तात्रेय होसबाले को महासचिव और अरुण कुमार के साथ रामदत्त चक्रधर को संयुक्त महासचिव के रूप में पदोन्नत करके अपने संगठनात्मक ढाँचे में एक पीढ़ीगत बदलाव किया था। लेकिन हालिया उलटफेर के बाद अरुण कुमार को नई जिम्मेदारी मिली।
इस बदलाव के बाद कृष्ण गोपाल संघ की दो प्रमुख शाखाओं के प्रभारी बने रहेंगे। पहला लघु उद्योग भारती जो एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित है और दूसरा विद्या भारती, जिसे शिक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। आरएसएस ने पश्चिम बंगाल के क्षेत्र प्रचारक प्रदीप जोशी को अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख के रूप में भी प्रतिनियुक्त किया है।
बता दें कि संगठन ने जिन अरुण कुमार के कंधों पर इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है, उनका जन्म पूर्वी दिल्ली के झिलमिल इलाके में अप्रैल 1964 में हुआ था। इसके बाद मात्र 12 साल की उम्र में उन्होंने संघ ज्वाइन की। वह दौर आपातकाल का था लेकिन शाखा में जाने की उनकी शुरुआत उसी समय से हुई थी। इसके बाद वह 1982 में प्रचारक बने।
उनकी निष्ठा के कारण आगे चलकर उन्होंने जिला प्रचारक, विभाग प्रचारक और सह-प्रांतीय प्रचारक की जिम्मेदारी संभाली। उनका केंद्र दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर था। इसके बाद वे अखिल भारतीय के सह संपर्क प्रमुख बनकर सामने आए। उन्होंने जम्मू कश्मीर में भी खूब काम किया था। कहते हैं कि अनुच्छेद 370 हटाने में उन्होंने भी मुख्य भूमिका निभाई। इन्हीं उपलब्धियों को देखते हुए अब उन्हें अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के क्षेत्र और प्रांत प्रचारकों की चार दिवसीय बैठक शुक्रवार से चित्रकूट में जारी है। संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित तमाम संघ के बड़े पदाधिकारी इसमें शिरकत कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस विचार मंथन से तमाम सामाजिक और देश के अन्य मुद्दों पर मंथन किया जाएगा। मालूम हो कि आरएसएस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार प्रति वर्ष यह बैठक सामान्यत: जुलाई में होती है। लेकिन पिछले वर्ष कोविड स्थिति के कारण ऐसा नहीं हुआ था।