अपने भाई अकबरुद्दीन ओवैसी की बदजुबानी को अपनी ‘कम ज़हरीली’ भाषा से ढँकने वाले असदुद्दीन ओवैसी कल खुद ही विष-वमन करते नज़र आए। हमेशा हिन्दुओं को, राष्ट्रवादियों को “संविधान में राष्ट्रवाद नहीं लिखा”, “संविधान में हिन्दुओं के लिए फलाना-ढिकाना नहीं है” की दुहाई देने वाले AIMIM प्रमुख ने न केवल समुदाय विशेष से आस्था और मजहब के आधार पर, मुस्लिमों को वोट देने की अपील की, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा का समर्थन करने वाले मुस्लिमों को ‘छक्का’ (हिजड़ों, उभयलैंगिकों, ट्रांसजेंडरों समेत LGBT समुदाय के लिए प्रयुक्त अपमानजनक शब्द) भी बताया। वे नांदेड़, महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के पहले एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
6 फीसदी लोग छक्के, क्योंकि मोदी को वोट देते हैं?
कभी राष्ट्रीय स्तर के यूनिवर्सिटी क्रिकेट खिलाड़ी रहे ओवैसी ने अपनी ज़हर की राजनीति में भी क्रिकेट को घसीट लिया। 2014 और 2019 में 6-6% मुस्लिम वोट मोदी के खाते में जाने की बात का ज़िक्र जनसभा में करते हुए उन्होंने कहा, “6 का जो नंबर है, क्रिकेट मैच में छक्का बोलते हैं।” और-तो-और, सुन रही जनता ने इस पर तालियाँ भी बजाईं, समर्थन में हूटिंग भी की।
Owaisi was in nanded yesterday..
— आलू बोंडा (@ek_aalu_bonda) October 10, 2019
while reacting to aadarsh kaka’s statement that H ppl dnt vote M candidate so he did nt gave ticket to M man from nanded south..
he firstly said,6% M ppl who voted modi ji or bjp in 14 or 19 are ‘ch@kka’. pic.twitter.com/uHe8yJpqul
‘भूल जाओ खुदा के लिए सेक्युलरिज़म-सेक्युलरिज़म’
हमेशा हिन्दुओं को सेक्युलरिज़म का तकाजा याद कराने वाले ओवैसी ने मुस्लिमों से सेक्युलरिज़म भूल जाने की अपील की। “हमको अपने नुमाइंदों की ज़रूरत है।” देश में उन्होंने सेक्युलरिज़म को ‘अस्पताल के वेंटिलेटर पर’ बताया।
40-50 मुस्लिम सांसद मिल कर याकूब को बचा लेते
याकूब मेमन की फाँसी का ज़िक्र करते हुए ओवैसी ने दावा किया कि अगर याकूब मेमन की फाँसी के समय संसद में 40-50 मुस्लिम सांसद होते तो कॉन्ग्रेस पर सियासी दबाव बनाकर उसकी मौत की सज़ा को उम्रकैद में तब्दील कराया जा सकता था। (हालाँकि ऐसा वे कॉन्ग्रेस की मदद से भी कैसे कर पाते, यह समझ से परे है, क्योंकि मेमन की फाँसी के समय 2015 में पूर्ण बहुमत की सरकार भाजपा की थी, और राजनीतिक रास्ते से किसी की फाँसी रोकने के लिए गृह मंत्रालय की अनुशंसा चाहिए होती, जो कि सत्ताधारी होने के चलते भाजपा के ही हाथ में रहता, कॉन्ग्रेस, 40-50 अतिरिक्त मुस्लिम सांसदों या ओवैसी के हाथ में नहीं।)
Owaisi said do away with Secularism. We want Muslims in govt. We couldn’t save Terrorist Yakub Memon as we were not united.
— Mrutyunjay Joshi (@MrutyunjayNJ) October 10, 2019
In short he means demography is changing and he is dreaming to making India ISLAMIC Nation.
RT maximum.pic.twitter.com/T98dClseBM
इस मामले में सिख समुदाय को भी घसीटते हुए उन्होंने व्यंगात्मक तौर पर सिख समुदाय को ‘सलाम’ किया। “तुमने हमको आईना दिखा दिया कि जिसके पास सियासी ताकत है, उसी की बात सुनी जाती (है)।” ओवैसी का कहना था कि पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिह की हत्या के आरोपित बलवंत सिंह राजोआना की फाँसी सिखों के तुष्टिकरण के लिए ही रोकी गई थी।