उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर विपक्ष लगातार राजनीतिक रोटियाँ सेंकने का काम कर रहा है। राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी के सियासी ड्रामे के बाद अब आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसमें एँट्री मारी है। ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि आशीष मिश्रा को पुलिस कस्टडी में 8-8 बार नाश्ता कराया जा रहा है। उन्होंने ये बयान बलरामपुर में एक जनसभा के दौैरान दिया।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब्बाजान वाले बयान के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया और कहा कि लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर मारने वाले के पिता अजय मिश्रा को मोदी जी पद से क्यों नहीं हटा रहे हैं। आशीष के अब्बाजान को क्यों नहीं हटाते हैं।
अतीक अहमद को लेकर छलका दर्द
सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि योगीजी अब्बाजान का नाम अजय है, अगर इसकी जगह अतीक होता तो अब तक आप उसके घर पर बुलडोजर चलवा दिए होते। इससे मामले में आप क्यों चुप हैं ये जनता जानना चाहती है। ओवैसी ने ये भी दावा किया कि यूपी में अब तक जितनी भी सरकारें आईं, उनके लिए मुस्लिमों की कोई अहमियत नहीं रही। मुस्लिमों को अपनी ताकत दिखानी है तो मजलिस को वोट करना ही पड़ेगा। उन्होंने मुस्लिमों से एकजुट होने की अपील की।
ओवैसी ने दावा किया कि लखीमपुर खीरी जैसी बड़ी घटनाएँ बिना ऊपर के आदेश के नहीं हो सकती हैं। आशीष मिश्रा को लेकर ओवैसी ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि अपनी ससुराल में गया था। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर आशीष को बचाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।
मजलिस ही मुस्लिमों के लिए एकमात्र विकल्प
असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश की जेलों में 27 फीसदी मुस्लिमों को बंद कर दिया गया है। अपनी ही पार्टी के पूर्व विधायक अनवर हाशमी के लिए अखिलेश यादव नहीं बोल रहे हैं। यूपी में हर समाज का नेता है, लेकिन मुस्लिमों के पास कोई नेता ही नहीं है। मजलिस ही आपके लिए एकमात्र विकल्प शेष है।