अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन पाँच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा। इस भूमि पूजन से पहले लगातार राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है। लेकिन इस सभी के बीच कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने बयान जारी करते हुए कहा कि भूमि पूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रियंका के इस ट्वीट को लेकर उनकी खिंचाई की। ओवैसी ने कॉन्ग्रेस पार्टी पर उस ‘आंदोलन में योगदान देने का आरोप लगाया जिसने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया।’
ओवैसी ने प्रियंका गाँधी के ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए लिखा, “खुशी है कि वे अब और नाटक नहीं कर रहे हैं। यह अच्छी बात है कि वो भी अतिवादी विचारधार को गले से लगा रही हैं। लेकिन भाईचारे के मुद्दे पर वो खोखली बातें क्यों करती हैं। शर्म मत कीजिए, आप इस बात पर गर्व महसूस करिए कि किस तरह से आपकी पार्टी ने उस आंदोलन में योगदान दिया, जिसकी वजह से हमारे बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया।”
Glad that they are not pretending anymore. It’s okay if they want to embrace this extremist ideology of Hindutva but why all this hollow talk about brotherhood?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 4, 2020
Don’t be shy, please be proud of your party’s contributions to the movement that demolished our Babri Masjid https://t.co/wT2H9GJ7MD
प्रियंका गाँधी वाड्रा ने अपने ट्वीट में लिखा था, “सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं। भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।” इसके साथ प्रियंका गाँधी ने अपना वक्तव्य भी शेयर किया है, जिसके अंत में उन्होंने ‘जय सियाराम’ लिखा है।
प्रियंका गाँधी वाड्रा की ओर से ये बयान तब आया, जब कॉन्ग्रेस की ओर से राम मंदिर को लेकर अलग-अलग तरह के बयान सामने आ रहे थे। एक तरफ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भूमि पूजन का समर्थन किया, साथ ही स्वागत भी किया। उन्होंने लोगों को भूमि पूजन की बधाई भी दी। इतना ही नहीं कमलनाथ ने अपने ट्विटर पर प्रोफाइल फोटो भी बदल ली है और भगवा वस्त्र में नज़र आ रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर दिग्विजय सिंह की ओर से भूमि पूजन के वक्त पर सवाल खड़े किए गए थे, उन्होंने कहा था कि अभी शुभ मुहूर्त नहीं है ऐसे में इसे कुछ वक्त के लिए टाल देना चाहिए।
इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने शुभ मुहूर्त ना होने और भाजपा नेताओं को कोरोना होने के कनेक्शन को जोड़ दिया था जिस पर काफी विवाद हुआ था। इन बयानों के बाद ही भाजपा की ओर से आरोप लगाया जा रहा था कि कॉन्ग्रेस एक बार फिर मंदिर निर्माण में अड़ंगा लगा रही है।