योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शुक्रवार (जून 25, 2021) को उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक आयोग का पुनर्गठन किया। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने आयोग और इसके सदस्यों के पुनर्गठन को लेकर सूची जारी की। आगरा के अशफाक सैफी को ‘उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग’ का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं सुरेश जैन ऋतुराज और अनीता जैन को भी आयोग का सदस्य बनाया गया है।
आयोग के सदस्य हैं – आगरा के अशफाक सैफी, वाराणसी के हैदर अब्बास चाँद, मेरठ के सुरेश जैन, शाहजहाँपुर के नवेन्दु सिंह, अलीगढ़ के सम्मान अफरोज खान, गोरखपुर के बक्सीस अहमद वारसी, लखनऊ की रूमाना सिद्दीकी और अनीता जैन। जैन समुदाय के लोगों ने उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग में अपने समुदाय से दो लोगों को प्रतिनिधित्व दिए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया।
बता दें कि आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी का निधन अप्रैल 2019 में हो गया था, तभी से इस पद पर किसी की बहाली नहीं हुई थी। मौजूदा आयोग में कुल 8 सदस्य हैं। इन सभी का कार्यकाल 3 वर्षों का होगा। हालाँकि, किन्हीं अन्य कारणों से बीच में सरकार इन्हें हटा भी सकती है। नए अध्यक्ष अशफाक सैफी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव रहे हैं और भारत सरकार के मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन के उपाध्यक्ष हैं।
वहीं सुरेश जैन ऋतुराज मेरठ के जैन समाज के बीच अच्छी पैठ रखते हैं। वो लगातार 10 बार से ‘मेरठ महानगर जैन समाज’ के अध्यक्ष हैं। अक्टूबर 2012 में उन्हें भाजपा महानगर अध्यक्ष चुना गया था। उससे पहले वो पार्टी के महानगर संयोजक थे। उन्हें भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का करीबी माना जाता था। उन्हें फरवरी 2018 में भी राज्य के अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य मनोनीत किया गया था।
आज उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अल्पसंख्यक आयोग का पुनर्गठन किए जाने पर नव मनोनित अध्यक्ष एवं सभी सदस्यों को बहुत – बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। अपेक्षा है कि वे बेहतर प्रदर्शन करेंगे अपने कार्यकाल में अल्पसंख्यक के समस्याओं के समाधान में।@Mohsinrazabjpup pic.twitter.com/gOOTrxX2QK
— Nand Gopal Gupta 'Nandi' (@NandiGuptaBJP) June 25, 2021
वहीं नवेन्दु सिंह भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री रह चुके हैं। साथ ही वो पार्टी के पुवायां नगर मंडल प्रभारी भी थे। हैदर अब्बास चाँद भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने तीन तलाक बिल का समर्थन किया था और इसके पक्ष में अभियान चलाया था। रूमाना सिद्दीकी पिछली बार भी आयोग की सदस्य थीं। मंत्री नंदी ने भरोसा जताया कि ये सभी अल्पसंख्यक के समस्याओं के समाधान में बेहतर प्रयास करेंगे।
बताते चलें कि पिछले अल्पसंख्यक आयोग में एक सदस्य पंजाबी और एक जैन समुदाय से था। पिछले 32 सालों से भाजपा से जुड़े अशफाक सैफी ने अध्यक्ष चुने जाने के बाद कहा, “मेरे जैसे एक छोटे से कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए मैं भाजपा का आभारी हूँ। मैं अल्पसंख्यक समुदायों के हित के लिए योजनाओं पर गंभीरता से कार्य करूँगा। उन्हें रोजगार और शिक्षा देने समेत अन्य विकास के कारकों पर हमारा ध्यान रहेगा।”
हाल ही में योगी सरकार द्वारा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग (SC-ST आयोग) की घोषणा की गई थी, जिसमें डॉक्टर रामबाबू हरित को एससी-एसटी आयोग में अध्यक्ष मनोनीत किया गया। जबकि मिथिलेश कुमार व राम नरेश पासवान को आयोग में उपाध्यक्ष नामित किया गया था। इसके अलावा 15 अन्य सदस्य भी मनोनीत किया गए थे। सभी का कार्यकाल एक वर्ष या 65 वर्ष तक की आयु तक होगा।