Sunday, December 22, 2024
Homeराजनीतिसोनिया की शर्तों पर उद्धव से लिया था लिखित आश्वासन, तब बनी सरकार: पूर्व...

सोनिया की शर्तों पर उद्धव से लिया था लिखित आश्वासन, तब बनी सरकार: पूर्व CM चव्हाण का खुलासा

सोनिया गाँधी ने महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस को आदेश दिया था कि वो सबसे पहले उद्धव से लिखित आश्वासन लें। इसके बाद ही गठबंधन के लिए पार्टी आलाकमान ने हामी भरी। सोनिया ने पार्टी नेताओं को स्पष्ट कह दिया था कि जब भी ऐसा लगे कि सरकार कॉन्ग्रेस के बनाए दिशानिर्देशों के अनुरूप काम नहीं कर रही है, पार्टी शिवसेना से अपना समर्थन वापस ले लेगी।

कॉन्ग्रेस पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने यूँ ही उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया, इसके लिए शिवसेना सुप्रीमो से लिखित में आश्वासन लिया गया था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि सोनिया ने अपने शर्तों पर शिवसेना के साथ गठबंधन किया, इसके लिए उनकी तरफ़ से कोई शर्त नहीं आई। वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता अशोक चव्हाण उद्धव कैबिनेट में मंत्री भी हैं। बताया जाता है कि कॉन्ग्रेस के कई विधायक भी राज्य में सत्ता के लिए लालायित थे और उन्होंने सोनिया को गठबंधन के लिए मनाया।

महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के संगठन से लेकर सरकार तक विभिन्न पदों पर काबिज रहे अशोक चव्हाण ने बताया कि सोनिया गाँधी ने उद्धव ठाकरे से कहा था कि वो संविधान की प्रस्तावना के अनुरूप कार्य करेंगे और मुख्यमंत्री रहते वो ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे, जिससे संविधान का उल्लंघन होता हो। सोनिया गाँधी ने गठबंधन के लिए दिशा-निर्देश तय किए था उन पर उद्धव का लिखित आश्वासन लिया गया था।

महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री चव्हाण ने ये बातें महाराष्ट्र के नांदेड़ में कही। उन्होंने बताया कि सोनिया गाँधी ने महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस को आदेश दिया था कि वो सबसे पहले उद्धव से लिखित आश्वासन लें। इसके बाद ही गठबंधन के लिए पार्टी आलाकमान ने हामी भरी। सोनिया ने पार्टी नेताओं को स्पष्ट कह दिया था कि जब भी ऐसा लगे कि सरकार कॉन्ग्रेस के बनाए दिशानिर्देशों के अनुरूप काम नहीं कर रही है, पार्टी शिवसेना से अपना समर्थन वापस ले लेगी।

इसके बाद कॉन्ग्रेस नेताओं ने ठाकरे तक सोनिया का सन्देश पहुँचाया। उनके राजी होने के बाद सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हुई। वहीं महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य में ‘महा विकास अघाड़ी’ की सरकार बनने के लिए शिवसेना और कॉन्ग्रेस में क्या डील हुई थी, इसका खुलासा होना चाहिए। उन्होंने पूछा कि जब गठबंधन के सहयोगियों को शिवसेना पर विश्वास ही नहीं है, फिर ठाकरे की पार्टी सरकार में बनी ही क्यों हुई है?

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘गृहयुद्ध छेड़ना चाहते हैं राहुल गाँधी’: कॉन्ग्रेस नेता को 7 जनवरी को बरेली की कोर्ट में हाजिर होने का आदेश, सरकार बनने पर जाति...

राहुल गाँधी ने अपनी पार्टी का प्रचार करते हुए कहा था कि यदि कॉन्ग्रेस केंद्र में सरकार बनाती है, तो वह वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण करेगी।

कानपुर में 120 मंदिर बंद मिले: जिन्होंने देवस्थल को बिरयानी की दुकान से लेकर बना दिया कूड़ाघर… वे अब कह रहे हमने कब्जा नहीं...

कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने एलान किया है कि सभी मंदिरों को कब्ज़ा मुक्त करवा के वहाँ विधि-विधान से पूजापाठ शुरू की जाएगी
- विज्ञापन -