समाजवादी पार्टी के नेता और सजायाफ्ता अपराधी आजम खान, उनके बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम और आजम खान की बीवी पूर्व सांसद तंजीम फातिमा को 7-7 साल की सज़ा सुनाई गई है। रामपुर की MP-MLA अदालत ने तीनों को दोषी माना है और सज़ा का ऐलान किया है। तीनों दोषियों को सीधे जेल ले जाए जाने का आदेश दिया है। अब्दुल्ला आजम ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर स्वार विधानसभा सीट से साल 2017 में चुनाव जीता था, क्योंकि चुनाव के समय उनकी उम्र पूरी नहीं हुई थी। उन पर 2 जन्म प्रमाण पत्र रखने के आरोप हैं।
2 जन्म प्रमाण पत्र रखने का आरोप
जानकारी के मुताबिक, अब्दुल्ला आजम ने साल 2017 में जिस जन्म प्रमाण के आधार पर चुनाव लड़ा था, उसमें उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर, 1990 दर्शाई गई थी। ये जन्म प्रमाण लखनऊ से साल 2015 में जारी किया गया था। वहीं, दूसरे जन्म प्रमाण पत्र को रामपुर से साल 2012 में जारी किया गया था। उस जन्म प्रमाण पत्र में उनका जन्मदिन 1 जनवरी, 1993 दिखाया गया है, शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में भी यही जन्म तिथि दर्शाई गई थी।
रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र में उनका जन्मस्थान रामपुर बताया गया है, जबकि लखनऊ से जारी जन्म प्रमाण पत्र में उनका जन्म स्थान लखनऊ दिखाया गया था।
दो बार रद्द हुई विधानसभा की सदस्यता
इस मामले में भाजपा नेता आकाश सक्सेना की ओर से गंज कोतवाली में 3 जनवरी, 2019 को मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस केस के बाद 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता चली गई थी, लेकिन साल 2022 में उन्होंने फिर से स्वार विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की। इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने इसी साल उन्हें दोषी पाया और फिर से उनकी विधानसभा सदस्यता चली गई। इस मामले में कोर्ट ने 7-7 की सजा तीनों लोगों को सुनाई है।
रिवीजन दाखिल किया, लेकिन रिजेक्ट किया गया
इस मामले में 16 अक्टूबर को आजम परिवार को कोर्ट ने झटका दिया था। आजम फैमिली की तरफ से इस मामले में समय माँगा गया था और रिवीजन दाखिल किया गया था। इस मामले में रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने एडीजे फर्स्ट कोर्ट को सुनवाई के लिए कहा था, लेकिन कोर्ट ने इस रिवीजन को निरस्त कर दिया था। इसके बाद अब एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और अब्दुल्ला आजम को 7-7 साल की सज़ा सुनाई है।
आजम खान की भी विधायकी जा चुकी, हो चुकी है सजा
आजम खान को अब तक दो मामलों में सज़ा हो चुकी है। दिसंबर 2022 में उन्हें कोर्ट ने तीन साल की सज़ा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी। इस साल की शुरुआत में रामपुर की सीट पर आकाश सक्सेना ने उपचुनाव में जीत हासिल की और पहली बार रामपुर विधानसभा सीट पर कोई हिंदू विधायक बना। आकाश सक्सेना की ही शिकायत पर अब आजम खान, अब्दुला आजम और तंजीम फातिमा को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है।