पूर्व मंत्री और सपा सांसद आजम खान के मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय पर बुलडोजर चलने का खतरा मॅंडरा रहा है। रामपुर के उपजिलाधिकारी प्रेम प्रकाश तिवारी ने इस बाबत नोटिस जारी किया है। नोटिस में कोसी नदी क्षेत्र में बनी यूनिवर्सिटी की दीवार 3 दिन में तोड़ने के लिए कहा गया है। नोटिस नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के अनुपालन में जारी किया गया है। इससे पहले आजम द्वारा विधायक फंड से बनवाए गए उर्दू गेट और उनके बेटे के लग्जरी रिसॉर्ट हमसफर पर भी प्रशासन का बुलडोजर चल चुका है।
उल्लेखनीय है कि एनजीटी ने पिछले दिनों नदी क्षेत्र में यूनिवर्सिटी के निर्माण को तोड़ने के आदेश दिए थे। एनजीटी में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में कोसी नदी क्षेत्र की जमीन भी शामिल है। यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए कोसी नदी के पास वाली जमीन पर कब्ज़ा कर उस पर इमारत बना दी गई।
याचिका में कहा गया था कि इस निर्माण से नदी की धारा प्रभावित हुई। जिस पर एनजीटी ने सुनवाई की और फिर इसके बाद नदी क्षेत्र से निर्माण हटाने के आदेश दिए थे। अब एनजीटी के आदेश के अनुपालन में उप जिलाधिकारी ने नोटिस जारी किया है, जिसमें तीन दिन के अंदर नदी क्षेत्र में बनी दीवार को हटाने को कहा गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले 16 अगस्त 2019 को प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए रिसॉर्ट के अवैध हिस्से को जमींदोज कर दिया था। इस रिसॉर्ट के मालिक आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम हैं। प्रशासन ने उनके रिसॉर्ट के अवैध हिस्से को गिरा दिया। बता दें कि करोड़ों की लागत से बने इस रिसॉर्ट का लोकार्पण पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने किया था।
उससे पहले 6 मार्च 2019 को मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के स्वार रोड पर आजम खान द्वारा विधायक फंड से बनवाए गए उर्दू गेट को 6 बुलडोजर का प्रयोग कर 3 घंटे में ढाह दिया था। इस गेट की ऊँचाई इतनी कम थी कि यहाँ से बस और ट्रक भी नहीं निकल पाते थे। ऐसे में हमेशा दुर्घटना का ख़तरा बना रहता था। कई दुर्घटनाएँ हुई भी थी। इसके अलावा आजम खान पर मदरसे से किताबें चुराने, क्लब से शेर की मूर्तियाँ चुराने और बेटे के नाम पर रिसॉर्ट सिंचाई विभाग की ज़मीन ‘चुरा’ कर (अवैध कब्ज़ा कर) बनवाने का भी आरोप है।