Sunday, December 22, 2024
Homeराजनीति'सीएम हाईकमान नहीं, पंजाब के लोग बनाते हैं': सिद्धू फिर हुए बागी, कहा था-...

‘सीएम हाईकमान नहीं, पंजाब के लोग बनाते हैं’: सिद्धू फिर हुए बागी, कहा था- मनमोहन सिंह की तरह चन्नी भी इशारे पर चलें

सिद्धू खुद को पंजाब का सीएम चेहरा घोषित करवाना चाहते हैं। 29 दिसंबर 2021 को आलाकमान से सीएम फेस घोषित करने की माँग की थी। उन्होंने कहा था बिना दूल्हे के बाराती कैसा? चुनाव में दो चीजें अहम होती हैं- मुद्दा या फिर नेता का चेहरा। यह कॉन्ग्रेस हाईकमान को तय करना है कि वह मुद्दे के साथ जाता है या फिर चेहरे के साथ। 

पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) के घोषणा होने की साथ ही कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने एक बार फिर बागी रुख अख्तियार कर लिया है। बुधवार (11 जनवरी 2022) को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में बातचीत के दौरान उनसे मीडियाकर्मियों ने पार्टी के सीएम फेस को लेकर सवाल किया। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “हर कोई सीएम बन सकता है क्या? सीएम हाईकमान नहीं बनाता, बल्कि पंजाब के लोग बनाते हैं। ये किसने कह दिया कि हाईकमान सीएम बनाएगा।”

सिद्धू ने कहा कि विधायक भी 5 साल पहले पंजाब के लोगों ने ही बनाए थे और उनसे ही सीएम चुना गया। विधायक बनेंगे या नहीं, यह भी पंजाब के लोगों को ही तय करना है। यह तभी होगा, जब कोई एजेंडा होगा। आप लोग किसी भ्रम में न रहें। पंजाब के लोगों को ही विधायक बनाने हैं और उन्हें ही सीएम बनाने हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब मॉडल पर चर्चा करते हुए कहा, “हम पंजाब मॉडल लेकर आए हैं। इसको लेकर पार्टी महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा से बात हो गई है। इसे पार्टी के घोषणा पत्र में भी शामिल किया जाएगा।” बताया जा रहा है कि सिद्धू के पंजाब मॉडल में लीकर कॉर्पोरेशन बनाना, माइनिंग कॉपोरेशन, केबल रेग्युलेटर कमीशन, ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन बनाना शामिल होगा।

सिद्धू के कारण पंजाब कॉन्ग्रेस में कलह

हालाँकि, ऐसा पहली बार नहीं है कि सिद्धू के कारण पंजाब कॉन्ग्रेस में कलह पैदा हुई हो। सिद्धू खुद को पंजाब का सीएम चेहरा घोषित करवाना चाहते हैं। कॉन्ग्रेस द्वारा सामूहिक तौर पर चुनाव लड़े जाने के फैसले के बाद सिद्धू ने बागी अंदाज अपनाते हुए 29 दिसंबर 2021 को आलाकमान से सीएम फेस घोषित करने की माँग की थी। उन्होंने कहा था बिना दूल्हे के बाराती कैसा? चुनाव में दो चीजें अहम होती हैं- मुद्दा या फिर नेता का चेहरा। यह कॉन्ग्रेस हाईकमान को तय करना है कि वह मुद्दे के साथ जाता है या फिर चेहरे के साथ। 

सिद्धू की अति महत्वाकांक्षा पर कॉन्ग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था कि सिद्धू के अंदर टीम भावना की कमी है। वहीं, बीते हफ्ते सिद्धू के दबाव से परेशान आकर पंजाब के गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने गृह मंत्रालय छोड़ने की पेशकश कर दी थी। रंधावा का कहना था कि जब से उन्हें गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है, तभी से नवजोत सिद्धू उनसे नाराज हैं। 

नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी को लेकर भी कह चुके हैं कि जिस तरह से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कॉनग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के इशारे पर चलते थे, उसी तरह वह भी चाहते हैं चन्नी उनके इशारे पर चलें।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -