देश भर के सभी शहरों में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर रखा है। लेकिन फिर भी लोग खासकर दिल्ली से बिहार और उत्तर प्रदेश के अपने गाँवों की ओर लौट रहे हैं। इनके समूह में निकलने के कारण संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में ये अगर अपने घर पहुॅंचे तो संक्रमण गॉंवों में भी फैल सकता है। इसे देखते हुए बिहार सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले सभी लोगों को राज्य की सीमा पर ही 14 दिन के लिए क्वारंटाइन करने का फैसला किया है।
यानी कि अब शहरों से पलायन करने वाले प्रवासी मजदूर बिहार पहुँचने पर सीधे अपने गाँव नहीं जा सकेंगे। बिहार के मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि दूसरे राज्यों से पहुँचने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को 14 दिन तक बॉर्डर पर राहत केंद्रों में क्वारंटाइन किया जाएगा। क्वारंटाइन सेंटर में सभी को खाने-पीने के साथ जरूरी सुविधाएँ दी जाएँगी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरे राज्यों से बिहार आ रहे प्रवासी मजदूरों के रहने के लिए कैंप बनाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि ये कैंप बिहार के सीमावर्ती जिलों में बनाए जाएँगे। यहाँ दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को रखा जाएगा। इस कैंप में भोजन-कपड़े और डॉक्टरी जाँच की सुविधा होगी। सीएम नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव दीपक कुमार को ‘आपदा सीमा राहत शिविर’ बनाने के निर्देश दिए है। ये शिविर नेपाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से सटे जिलों में बनाए जाएँगे।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा, “लोग यदि अपने घर तक पहुँच गए तो लॉकडाउन का उद्देश्य निरर्थक साबित हो जाएगा। अगले कुछ दिन में इससे वायरस ज्यादा तेजी से फैलेगा। लोगों को वापस घर भेजने की बजाय, बेहतर यही होगा कि लोकल लेवल पर कैम्प लगाएँ जाएँ। राज्य सरकार उन कैम्पों का खर्च वहन करेगी।”
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार (मार्च 28, 2020) को अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि दूसरे राज्यों से प्रदेश में आ रहे करीब 1 लाख लोगों को क्वारंटाइन में रखा जाए। योगी सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि जो भी लोग पिछले तीन दिनों में दूसरे राज्यों से यूपी में आए हैं, उनके नाम, पते और फोन नंबर अलग-अलग जिलों के डीएम को मुहैया करा दिए गए हैं। उनकी निगरानी का काम भी शुरू हो गया है। खुद मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि जिन्हें भी क्वारंटाइन में रखा जाएगा, उनके लिए खाने और रोज की जरूरतों पर भी ध्यान दिया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन के दौरान किसी को भी भूखा नहीं रहना पड़ेगा। उन्होंने अफसरों को जल्द से जल्द सप्लाई चेन मजबूत करने के भी आदेश दिए हैं।