कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी आँख खुली है। सोमवार (मार्च 23, 2020) को उन्होंने ताबड़तोड़ घोषणाएँ कर के डैमेज कंट्रोल का प्रयास किया। बिहार में कोरोना वायरस के कारण क़तर से लौटे एक मरीज की मौत हो चुकी है। जिस तरह से महाराष्ट्र और दिल्ली कमाने गए लोग लौटे हैं, उसे देखा जाए तो स्थिति आने वाले दिनों में और बिगड़ सकती है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि सभी डॉक्टरों और मेडिकल कर्मचारियों को एक अतिरिक्त महीने का वेतन ‘प्रोत्साहन राशि’ के रूप में दिया जाएगा क्योंकि कोरोना से लड़ने के लिए वो लगातार लगे हुए हैं।
इसके अलावा सभी राशन कार्ड धारकों को 1 महीने का राशन पहले ही दे दिया जाएगा ताकि उन्हें खाने-पकाने की कमी न हो और वो घर में रह सकें। सरकार ने रिटायर्ड बुजुर्ग कर्मचारियों पर भी ध्यान दिया है। राज्य में जितने भी पेंशन धारक हैं, उन्हें अगले तीन महीने की पेंशन राशि अभी ही दे दी जाएगी ताकि वो अपना और परिवार का ख्याल रख सकें। राशन कार्ड धारकों को 1000 रुपए भी दिए जाएँगे। इन सबके अलावा 31 मार्च तक पहली से लेकर बारहवीं कक्षा तक के सभी छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि कोरोना का कोई भी लक्षण होने पर वो छिपाएँ नहीं। साथ ही जनता से उन्होंने कहा है कि जितना भी हो सके, वो अपने घरों में रहें। इसीलिए 3 महीने का वृद्धजन पेंशन, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन और वृद्धावस्था पेंशन पहले ही देने का फ़ैसला लिया है। ये राशि सीधे लाभार्थियों के खाते में डाली जाएगी। बिहार में 31 मार्च तक लॉकडाउन है और इस स्थिति में सरकार लगातार लोगों को इसका कड़ाई से पालन करने को कह रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि सभी राज्य ये सुनिश्चित करें कि लोग इस लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करें।
All doctors and medical staff in #Bihar will get an amount equivalent to their one month of basic pay as encouragement: Chief Minister Nitish Kumar on #CornavirusPandemic https://t.co/4bQ7FKmJEd
— ANI (@ANI) March 23, 2020
बिहार में फिलहाल दवा की दुकान, राशन की दुकान, डेयरी, पेट्रोल पंप को लॉकडाउन की पाबंदियों से अलग रखा गया है। वहीं बैंक, पोस्ट ऑफिस, एटीएम और मीडिया कार्यालय भी लॉकडाउन से बाहर रहेंगे। बिहार में 520 यात्रियों को सर्विलांस पर रखा गया है, जिनकी जाँच की जा रही है। राज्य में अस्पतालों की कमी को देखते हुए सरकार इस प्रयास में लगी है कि कोरोना से बचाव के उपायों पर ज्यादा जोर दिया जाए।