Friday, November 22, 2024
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‘कोयले की दलाली से UPA सरकार पर पुती कालिख’: ‘कॉन्ग्रेस फाइल्स’ के तीसरे एपिसोड में ‘₹1.86 लाख करोड़ के कोयला घोटाले’ की पोल-खोल

वीडियो में भाजपा ने 'कोयले की दलाली में हाथ काला' का जिक्र करते हुए कहा है कि यह कहावत ही नहीं सच्चाई भी है। साल 2012 में कोयले की दलाली में कॉन्ग्रेस का हाथ ही काला नहीं हुआ था बल्कि कॉन्ग्रेस की यूपीए सरकार पर कालिख पुत गई थी।

कॉन्ग्रेस राज में हुए घोटालों को लेकर भाजपा ने ‘कॉन्ग्रेस फाइल्स’ (Congress Files) का तीसरा एपिसोड जारी किया है। इस एपिसोड में मनमोहन सिंह के कार्यकाल में हुए कोयला घोटाले को लेकर बात की गई। इस वीडियो में भाजपा ने कहा है कि कोयले की दलाली से यूपीए सरकार पर कालिख पुत गई थी।

दरअसल, कॉन्ग्रेस राज में एक के बाद कई घोटाले हुए हैं। इन घोटालों को लेकर भाजपा ‘कॉन्ग्रेस फाइल्स’ नामक एक सीरीज जारी कर रही है। इस सीरीज के जरिए भाजपा यह बताने की कोशिश कर रही है कि ‘कॉन्ग्रेस मतलब करप्शन’ होता है। इसी कड़ी में तीसरे एपिसोड में कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर हुए घोटाले पर कॉन्ग्रेस और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जिम्मेदार ठहराया गया है।

वीडियो में भाजपा ने ‘कोयले की दलाली में हाथ काला’ का जिक्र करते हुए कहा है कि यह कहावत ही नहीं सच्चाई भी है। साल 2012 में कोयले की दलाली में कॉन्ग्रेस का हाथ ही काला नहीं हुआ था बल्कि कॉन्ग्रेस की यूपीए सरकार पर कालिख पुत गई थी। अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला प्राकृतिक संसाधन जब कोयला ही कॉन्ग्रेस सरकार में घोटाले का शिकार बन गया तो सोचिए कॉन्ग्रेस ने कहाँ-कहाँ और कैसे-कैसे घोटाले नहीं किए होंगे?”

भाजपा ने आगे कहा है, “कॉन्ग्रेस नीत यूपीए सरकार के मुखिया मनमोहन सिंह थे। मनमोहन सिंह जब दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने जनता से कई वादे किए थे। हालाँकि, उनके कार्यकाल में उनके वादों की कम और घोटालों की ज्यादा चर्चा हुई। साल 2004 से 2009 तक हुए घोटाले में करीब 100 कंपनियों को नियमों के विरुद्ध जाकर कोयला खदानों का आवंटन किया गया था। बेहद सस्ती कीमतों पर और बिना किसी नीलामी के खदानों से कोयला निकालने के ठेके निजी कंपनियों को दे दिए गए। इस घोटाले से देश को करीब 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।”

वीडियो में आगे कहा गया है, “इस घोटाले में CAG ने तत्कालीन सरकार पर मनमाने ढंग से सार्वजनिक और प्राइवेट कंपनियों को कोयला भंडार के गलत आवंटन की बात कही थी। कॉन्ग्रेस ने कोयला कंपनियों के साथ मिलकर जो खेल खेला था, उससे न सिर्फ देश को आर्थिक नुकसान हुआ था, बल्कि देश की छवि भी खराब हुई थी। इस घोटाले का रोचक पहलू यह है कि 2004 से 2009 के दौरान कोयला मंत्रालय शिबू सोरेन और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास था। वही प्रधानमंत्री जो रिमोट से चलते थे। मनमोहन सिंह के कोयला मंत्रालय सँभालने के दौरान 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हो गया।”

बता दें कि कॉन्ग्रेस फाइल्स के पहले एपिसोड में कॉन्ग्रेस सरकार के 70 सालों में हुए 48 खरब 20 अरब 69 करोड़ रुपए के घोटालों के बारे में बताया गया था। पहले एपिसोड में ही मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए 2जी स्पेक्ट्रम से लेकर मनरेगा, कॉमनवेल्थ और हेलीकॉप्टर सौदे में हुए घोटाले के बारे में बताया गया था। वहीं, दूसरे एपिसोड में राजीव गाँधी की सामान्य सी पेंटिंग को 2 करोड़ रुपए में खरीदने के लिए धमकी देने के बारे में बताया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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