Sunday, September 1, 2024
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परमाणु बम की तरह खतरनाक ‘डीप फेक’ का निशाना बने BJP नेता सदानंद गौड़ा, अश्लील वीडियो बना कर दिया वायरल

Deep Fake की सहायता से किसी भी देश की राजनीति में भूचाल लाया जा सकता है। इस तकनीक का उपयोग करके किसी के भी जीवन को बर्बाद किया जा सकता है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने रविवार (19 सितंबर, 2021) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुए अश्लील वीडियो को लेकर साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। गौड़ा ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि यह एक डीप फेक (Deep Fake) वीडियो है जिसे उनकी छवि को खराब करने के लिए सोशल मीडिया साइटों पर वायरल किया गया है।

गौड़ा ने अपने ट्वीट में लिखा, “प्रिय शुभचिंतकों, मेरा एक मॉर्फ्ड (डीप फेक) वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मैं आपको सूचित करना चाहता हूँ कि इस वीडियो में दिख रहा व्यक्ति मैं नहीं हूँ, यह मेरे विरोधियों द्वारा निहित स्वार्थ के लिए मेरी साफ-सुथरी छवि को धूमिल करने के लिए बनाया गया है।”

बीजेपी नेता ने आगे भरोसा जताया कि पुलिस जल्द ही दोषी को पकड़ लेगी। इसके साथ ही उत्तरी बेंगलुरु से लोकसभा सदस्य गौड़ा ने उन लोगों को चेतावनी दी, जो इस वीडियो को फॉरवर्ड या डाउनलोड कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अदालत से इस क्लिप पर रोक के लिए आदेश प्राप्त किया है और जो कोई भी इसका उल्लंघन करेगा, उसे कानून के तहत सजा मिलेगी। गौड़ा ने ऐसी सामग्री सोशल मीडिया पर अपलोड करने वाले का पता लगाने में लोगों से मदद की अपील की। गौड़ा ने अपने फॉलोवर्स से किसी भी प्लेटफॉर्म पर वीडियो को फॉरवर्ड या अपलोड करने वाले व्यक्ति का डिटेल इनबॉक्स करने का आग्रह किया।

एक फॉलोअप ट्वीट में, गौड़ा ने शिकायत की प्रति साझा की और कहा, “राजनीतिक मोर्चे पर मेरी कामयाबी से परेशान अपराधियों ने मुझे नीचा दिखाने के लिए मेरा एक फेक, भद्दा वीडियो बनाया है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे मुझे दु:ख हो रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने और सजा दिलाने के लिए संबंधित अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज की गई है।” शिकायतकर्ता ने कहा है, “हमारे सांसद डीवी सदानंद गौड़ा का इस्तेमाल कर राजनीति से प्रेरित फर्जी, मॉर्फ्ड वीडियो बनाया गया है। यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो बनाने का उद्देश्य उनकी छवि खराब करना है।”

डीप फेक (Deep Fake) क्या है?

डीप फेक तकनीक फेक न्यूज से भी अधिक घातक है। विशेषज्ञ इसे परमाणु बम की तरह ही खतरनाक मानते हैं, क्योंकि Deep Fake की सहायता से किसी भी देश की राजनीति में भूचाल लाया जा सकता है। इस तकनीक का उपयोग करके किसी के भी जीवन को बर्बाद किया जा सकता है। इसके अंतर्गत पावरफुल ग्राफिक्स वाले कंप्यूटरों की सहायता से उपलब्ध डाटा का ऐसा सम्मिश्रण किया जाता है कि आसानी से फेक वीडियो, फोटो अथवा ऑडियो तैयार किया जा सके। 

सीधी भाषा में कहें तो हाई क्वालिटी AI की सहायता से झूठे कंटेन्ट वाले वीडियो या दूसरे मटेरियल को तैयार करना ही डीप फेक (Deep Fake) है। इसे डिटेक्ट करना अर्थात इसकी पहचान करना किसी भी आम इंसान के लिए बहुत मुश्किल है। डीप फेक, फोटोशॉप के जरिए फेक न्यूज फैलाने का सबसे आधुनिक माध्यम है और झूठे बयानों अथवा वीडियो क्लिप्स बनाने के लिए 21वीं सदी में सबसे अधिक उपयोग में आने वाली तकनीक है।

अब प्रश्न उठता है कि क्या डीपफेक पर कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है? तो डीप फेक ऐसे तो दुनिया भर में बैन नहीं है और न ही इसके संबंध में कोई कानून है, लेकिन इसकी सहायता से किसी व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुँचाने के लिए किया गया कार्य विभिन्न देशों के कानूनों के मुताबिक अपराध ही माना जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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