भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार (08 जुलाई 2021) को केंद्र सरकार से कहा है कि महीनों से चल रहे किसान आंदोलन को या तो बातचीत से खत्म किया जाए या गोलियों से। टिकैत ने कहा कि किसान बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन बिना किसी शर्त के।
टिकैत ने मीडिया से चर्चा के दौरान यह बात कही। टिकैत ने कहा कि सरकार चाहती है कि किसान उससे सशर्त बातचीत करे लेकिन ऐसा नहीं होगा क्योंकि किसान पिछले 8 महीनों से सरकार की बात मानने के लिए प्रदर्शन में नहीं बैठे हैं।
‘End stir with talks or bullets’: BKU’s #RakeshTikait tells Govt on #farmers‘ protest.
— TIMES NOW (@TimesNow) July 9, 2021
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टिकैत ने कहा, “सरकार बातचीत के लिए शर्त रख रही है। वो कह रहे हैं कि कानूनों में संशोधन के लिए चर्चा की जा सकती है। किसान यहाँ 8 महीनों से सरकार के आदेश मानने के लिए नहीं बैठे हैं। अगर सरकार बातचीत करना चाहती है तो बिना शर्त बातचीत करे।” साथ ही कहा कि सरकार चाहे तो बातचीत से किसानों के आंदोलन को खत्म करे या गोलियों से लेकिन कृषि कानूनों के समाप्त होने तक आंदोलन खत्म नहीं होगा।
टिकैत ने यह बात केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अपील के बाद कही है। तोमर ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से कहा था कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है, ऐसे में किसान अपना प्रदर्शन खत्म करें और बातचीत के लिए आगे आएँ। तोमर ने किसानों को यह भी आश्वासन दिया था कि कृषि उपज मंडी समितियाँ (APMC) बनी रहेंगी तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कृषि उपज की खरीद भी जारी रहेगी। साथ ही इन्हें और भी मजबूत भी किया जाएगा। तोमर ने कहा था कि किसानों से कई बार यह कहा गया है कि सरकार कृषि कानूनों को खत्म करने की बजाय उनके प्रावधानों पर चर्चा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
कृषि मंत्री फिर से शर्त के साथ कह रहे हैं कि किसान आए, बातचीत करें। क़ानून ख़त्म नहीं होंगे उनमें बदलाव होगा। सरकार को बात करनी है तो बात करे लेकिन शर्त के साथ किसानों के साथ बात ना करे। जो वे कहेंगे किसान उसपर चले ऐसा नहीं है: किसान नेता राकेश टिकैत https://t.co/fvWv9iNkOu pic.twitter.com/KYlJURk3cC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 8, 2021
कृषि मंत्री तोमर ने स्पष्ट किया था कि उनकी सरकार ने किसान संघों को एक बार नहीं कई बार कहा कि वह कानूनों को खत्म करने के स्थान पर दूसरे कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास लेकर आएँ, सरकार उस पर बातचीत करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि APMC खत्म नहीं होगी बल्कि और मजबूत होगी और सरकार इसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
किसान संघ को मैंने एक बार नहीं कई बार कहा है कि तीन कानूनों को रद्द करने के अतिरिक्त वो कोई भी प्रस्ताव लेकर हमारे पास आए हम उस प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। APMC समाप्त नहीं होगी बल्कि APMC और मजबूत हो। इसके लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर pic.twitter.com/CKhrpjQnaD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 8, 2021
हालाँकि सरकार के द्वारा अनेकों बार आश्वासन दिए जाने के बाद भी सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। हाल ही में मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान शपथ लेने वाली कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने स्पष्ट तौर पर यह कहा है कि कृषि कानून किसी भी हालत में रद्द नहीं किए जाएँगे। उन्होंने यह भी कहा है कि कृषि कानून किसी भी रूप में किसान विरोधी नहीं हैं और किसान आंदोलन एक राजनैतिक प्रदर्शन मात्र है। हालाँकि उन्होंने कार्यभार सँभालते ही कहा कि वे राज्यों की यात्राएँ करेंगी और किसानों को कृषि कानूनों के लाभ से परिचित कराएँगी।
ज्ञात हो कि किसानों के साथ केंद्र सरकार 11 बार बातचीत कर चुकी है ताकि इस मुद्दे पर कोई उचित समाधान प्राप्त किया जा सके। 10 वें दौर की बातचीत के दौरान केंद्र सरकार ने यह भी प्रस्ताव रखा था कि कृषि सुधार कानूनों को डेढ़ सालों के लिए होल्ड पर रखा जा सकता है। लेकिन इसके बाद भी प्रदर्शनकारी किसान नहीं माने। पिछली बातचीत जनवरी में हुई थी जिसके बाद से अभी तक फिलहाल सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच कोई चर्चा नहीं हो सकी है।