दुर्गा पूजा भारत में लगभग हर जगह मनाई जाती है। बंगाल के पड़ोसी झारखंड में तो इसकी रौनक ही कुछ खास होती है। लेकिन चायनीज कोरोना वायरस के कारण इसके धूमधाम की चमक थोड़ी फीकी पड़ गई है। रही-सही कसर कॉन्ग्रेस समर्थित झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार कर दे रही है।
मामला राँची रेलवे स्टेशन के नजदीक दुर्गा पूजा पंडाल से जुड़ा है। यहाँ स्थानीय लोग बहुत पहले से ही दुर्गा पूजा मनाते आ रहे हैं। इस साल भी इन्होंने कोरोना संबंधी सरकारी दिशा-निर्देशों को मानते हुए पंडाल बनाया था। लेकिन हेमंत सोरेन सरकार को यह रास नहीं आया। राँची प्रशासन ने 22 अक्टूबर को इस पंडाल में पहुँच कर पेंटिंग्स के कारण भीड़ बढ़ने की संभावना को देखते हुए इसे काले पर्दे से ढकने का निर्देश दिया।
राँची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा पंडाल को प्रशासन के द्वारा काले कपड़ों से ढकवाकर हेमंत सोरेन सरकार ने धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाई है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) October 22, 2020
आदरणीय मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी, राँची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा पंडाल को प्रशासन के द्वारा काले कपड़ों से ढक दिया गया है। pic.twitter.com/WsdOp4FsYn
विपक्षी दल के नेता के रुप में राज्य की जनता की भावनाओं को आप तक पहुँचाना मेरा दायित्व है। दुर्गा पूजा सिर्फ हिंदुओं का ही नहीं अपितु सभी धर्म के लोगों के शक्ति और स्वास्थ्य वर्धन हेतु आस्था और विश्वास का प्रतीक है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) October 22, 2020
प्रशासन के निर्देशों को मानते हुए राँची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा पंडाल समिति ने तुरंत ही पंडाल के सारे पेंटिग्स को काले कपड़ों से ढक दिया। लेकिन यह खबर ज्यादा देर तक दबी नहीं रह सकी। स्थानीय BJP नेताओं से होते हुए यह खबर पूर्व CM बाबूलाल मरांडी तक भी पहुँची। उन्होंने तुरंत ही इस मामले को फोटो सहित ट्वीट कर राज्य की हेमंत सरकार के कथित सेकुलर छवि का पर्दाफाश किया। बाबूलाल मरांडी ने लिखा:
“राँची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा पंडाल को प्रशासन के द्वारा काले कपड़ों से ढकवाकर हेमंत सोरेन सरकार ने धार्मिक आस्था पर चोट पहुँचाई है। इस घटना की जितनी निंदा की जाए, कम है। मुझे यह बताते हुए काफी दुःख हो रहा कि झामुमो सरकार द्वारा लिया गया अधिकतर निर्णय बहुसंख्यक समाज की आस्था के अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा। दुर्गा पूजा सिर्फ हिंदुओं का ही नहीं अपितु सभी धर्म के लोगों की शक्ति और स्वास्थ्य वर्धन हेतु आस्था और विश्वास का प्रतीक है।”
इस खबर के स्थानीय BJP नेताओं से लेकर बड़े नेताओं और पूर्व CM तक पहुँचने के कारण प्रशासन ने फिर से आदेश जारी किया। इस आदेश के अनुसार एक घंटे के भीतर ही पंडाल से काले कपड़े हटा लिए गए। छीछालेदर से बचने के लिए प्रशासन ने इसके बाद बैरिकेडिंग आदि करवाई।