महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी का सपना कही जाने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। उद्धव ठाकरे ने अहमदाबाद और मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा के लिए आदेश दे दिए हैं। उद्धव की इस कार्रवाई के पीछे किसानों की ज़मीन का मामला बताया जा रहा है। बता दें कि शुरुआत से ही किसानों ने इस परियोजना का जमकर विरोध किया था। इस विरोध में महाराष्ट्र के कई गाँवों के किसानों ने भी विरोध किया था, जिसे शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के ज़रिए उठाया था।
ठाकरे ने अपने एक बयान में कहा “हमारी आम आदमी की सरकार है। हम लोग बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को रिव्यू करेंगे, लेकिन मैंने इस प्रोजेक्ट को रोकने के लिए नहीं कहा है।” हालाँकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उद्धव के शपथ ग्रहण से पहले ऐसी खबरें भी सामने आई थीं कि उद्धव इस प्रोजेक्ट को रोकने के लिए फंडिंग बंद करने के आदेश दे सकते हैं। बुलेट ट्रेन की इस परियोजना में केंद्र के अलावा ही राज्यों को भी फण्ड में 25 प्रतिशत देना अनिवार्य है।
Project cost: 1.1 Lac Cr
— Ashu (@muglikar_) December 2, 2019
Japan’s contribution: 81% of the cost as loan for 50 years at 0.1% interest.
Central contribution: 10k Cr
Gujarat Contribution: 5k Cr
MH: 5k Cr
But
Uddhav Thackeray puts brakes on bullet train, says will review projecthttps://t.co/xn32EDUawv
इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट की मानें तो लाख करोड़ रूपए की इस योजना में केंद्र सरकार 10 हज़ार करोड़ रूपए देगी जबकि गुजरात और महाराष्ट्र की राज्य सरकारों को इसके लिए 5 हज़ार करोड़ रूपए देना तय किया गया है। इसके अलावा बुलेट ट्रेन की इस परियोजना का 81% खर्च जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी 0.1% के ब्याज दर पर लोन के रूप में वहन करेगी।
पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास खुद उन्होंने ही किया था। इस परियोजना के लिए केंद्र ने तय किया था कि इसका काम 2020 में शुरू हो जाएगा ताकि 2023 तक इसे पूरा किया जा सके। प्रस्तावित योजना के तहत गुजरात के अहमदाबाद से महाराष्ट्र के मुंबई के बीच 12 स्टेशन बनाए जाएँगे जिनसे होकर बुलेट ट्रेन गुजरेगी जिसका अनुमानित किराया तकरीबन 3000 रुपए तक होगा।