नागरिकता संशोधन कानून (CAA), नेशनल रजिस्टर आफ सिटिजन्स (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को लेकर कॉन्ग्रेस का दोहरा मापदंड छिपा नहीं है। सत्ता में रहते हुए वह इन सब की पैरोकार थी। लेकिन, आज न केवल विरोध कर रही है, बल्कि विरोध के नाम पर हुई हिंसा में भी उसके कई नेता नामजद हुए हैं। इस मसले पर गोवा से लेकर मध्य प्रदेश तक कई नेता पार्टी स्टैंड का विरोध कर चुके हैं। यहॉं तक कि प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकारें भी इस मसले पर एकमत नहीं दिख रहीं।
कॉन्ग्रेस शासित पंजाब की सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव पास किया था। CAA पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त करता है। दूसरी ओर, कॉन्ग्रेस शासित राजस्थान की सरकार पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को सहूलियत देने की बात कर रही है। गहलोत सरकार ने पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने के बाद अब रियायती दर पर जमीन आवंटित करने का ऐलान किया है।
गहलोत सरकार ने 100 हिंदू शरणार्थी परिवारों को करीब 50 फीसदी रियायत पर जमीन के कागज देगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यूटर्न लेते हुए पाकिस्तान से आकर भारत में बसे 100 हिंदू परिवारों को आधी कीमत पर जमीन देने का निर्णय लिया है। इससे पहले भी गहलोत के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार ने हिन्दुओं के लिए भारत छोड़कर पाकिस्तान चले जाने का आदेश निकाला था। मगर गृह मंत्रालय ने बड़ा क़दम उठाते हुए इस आदेश पर रोक लगा दी थी।
पाक से आए हिन्दू शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने में कॉन्ग्रेस ने सबसे ज्यादा रोड़े अटकाए और अब अशोक गहलोत हिन्दू शरणार्थियों को जमीन देने की बात कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि बीते दिनों जोधपुर में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की CAA के समर्थन रैली में उमड़ी भीड़ को देखकर अशोक गहलोत डर गए हैं। और अब अपने वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए राजस्थान की गहलोत सरकार ने पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को अपना बनाने के लिए मुहिम शुरू की है।
इससे इनका डबल स्टैंडर्ड साफ-साफ दिख रहा है। अगर अशोक गहलोत वाकई में विस्थापितों की मदद करना चाहते हैं तो उन्हें अपने राज्य में विरोध बंद करवाकर सीएए को लागू करना चाहिए, ताकि नागरिकता पाने वाले को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी गहलोत सरकार पर डबल स्टैंडर्ड का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ राजस्थान सरकार नए संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रही है और वही दूसरी तरफ राज्य में शरणार्थियों को सस्ती कीमतों पर जमीन दे रही है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा, “यह गहलोत सरकार का दूसरा यू-टर्न है। मुख्यमंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वो CAA का समर्थन कर रहे हैं या विरोध। उनकी बातें और काम एक दूसरे के विपरीत हैं।”
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