नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ लड़ाई लड़ रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी को CAA और NRC के खिलाफ लगाए गए सभी विज्ञापनों को हटाने का आदेश दिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 9 जनवरी 2020 को होगी। बता दें कि ममता बनर्जी ने टीवी चैनलों पर नागरिकता कानून और NRC नहीं लागू करने का विज्ञापन दिया था। ममता बनर्जी खुद यह कहते हुए दिखीं कि बंगाल के लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि राज्य में NRC और नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं होगा।
Calcutta High Court directs West Bengal government to stop all government advertisements that say National Register of Citizens (NRC) and Citizenship Amendment Act (CAA) will not be implemented in the State. Next date of hearing is on January 9, 2020. pic.twitter.com/egLSxqmFfb
— ANI (@ANI) December 23, 2019
ममता बनर्जी के इस बयान के बाद अदालत में याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने ममता सरकार को वेबसाइटों और अन्य स्थानों से विज्ञापन हटाने का आदेश दिया। ममता ने नागरिकता संशोधन कानून को ‘विभाजनकारी’ और ‘क्रूर’ कानून बताया था।
#Breaking | Massive setback for @MamataOfficial‘s Govt as the anti-CAA campaign backfires.
— TIMES NOW (@TimesNow) December 23, 2019
The Calcutta High Court has directed the WB Govt to stop all advertisements that say that NRC-CAA won’t be implemented in the state.
TIMES NOW’s Sreyashi with details. Listen in. pic.twitter.com/frj0AdIoYp
16 दिसंबर को ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे राज्य में रैलियाँ निकाली थी। हाथों में पोस्टर, बैनर और तख्तियाँ लिए टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इन कार्यकर्ताओं की माँग CAA को रद करने की थी।
बता दें कि कुछ दिन पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए ममता सरकार को एक जिलेवार रिपोर्ट तलब की थी जिसमें पूछा गया था वहाँ कानून-व्यवस्था की क्या स्थिति है? नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में बंगाल के कई जिलों में सरकार संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया था और बड़े स्तर पर तोड़-फोड़ की गई थी। कोर्ट ने बंगाल के एटॉर्नी जनरल से CAA के खिलाफ दिए गए विज्ञापनों पर भी सवाल जवाब किया था जिसमें भारी मात्रा में सरकारी धन का इस्तेमाल हुआ।