कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े मंनी लॉन्ड्रिंग के केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन (Satyendra Jain) को जेल ही नसीब हुई है। कोर्ट ने शनिवार (18 जून 2022) को उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। ये फैसला सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सुनाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जैन ने 9 जून 2022 को एक जमानत याचिका दाखिल की थी, जिस पर मंगलवार (14 जून, 2022) को सुनवाई करने के बाद स्पेशल जस्टिस गीतांजलि गोयल ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। आज उन्होंने इस पर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान उनकी पैरवी को वकील एन हरिहरन और भावुक चौहान ने की।
जैन ने हरिहरन के हवाले से सबूतों को नष्ट करने या उनसे छेड़छाड़ के आरोपों पर तर्क दिया, उनके वकील ने कहा कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि सबूतों को पहले ही इकट्ठा किया जा चुका है। उन्होंने कहा, “गवाह उपलब्ध हैं। मैं ट्रिपल टेस्ट से संतुष्ट हूँ और गवाहों को प्रभावित करने का कोई आरोप भी नहीं है। जब मैं बाहर था ऐसा करने का मौका भी मिला था, लेकिन मुझ पर ऐसा कोई आरोप नहीं लगा। ये जानबूझकर जमानत को खारिज कराने के लिए किया जा रहा है।”
उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से विशेष अभियोजक एनके मट्टा और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पेश हुए। उन्होंने कोर्ट में बताया कि ये मामला करेंसी को लीगलाइज और मनी लॉन्ड्रिंग का है।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन को हवाला लेनदेन के मामले में 30 मई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन के मामले में जाँच में पाया गया था कि 2015-16 के दौरान सत्येंद्र जैन एक लोकसेवक थे, तो उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला के जरिए कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। सत्येंद्र जैन फिलहाल ईडी की 14 दिनों की रिमांड पर हैं।