केंद्र सरकार ने सेक्स वर्कर्स और मानव तस्करी पीड़ितों को अपने वित्तीय समावेश (फाइनेंसियल इन्क्ल्युजन) के अंतर्गत जोड़ने के लिए प्रयास शुरू कर दिये हैं। यह केंद्र सरकार द्वारा इस वर्ग के लिए एक बड़ी पहल साबित हो सकती है।
2 जनवरी को वित्त मंत्रालय द्वारा एक मेमोरेंडम जारी कर दिया जा चुका है, जो विशेष उच्चस्तरीय टास्क फ़ोर्स के गठन और क्रियाकलापों से संबन्धित है। यह टास्क फ़ोर्स तय करेगी कि सेक्स वर्कर्स के साथ ही ऐसा वर्ग, जो वित्तीय समावेश जैसी सुविधाओं के दायरे में अब तक नहीं आ पाया है, उन्हें किस तरह से बैंकिंग सुविधाओं के साथ ही अन्य वित्तीय सुविधाएँ दी जा सकती हैं।
टास्क फ़ोर्स की पहली बैठक अगले सप्ताह हो सकती है। मेमोरेंडम के अनुसार टास्क फ़ोर्स वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा संचालित की जाएगी। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, गृह मंत्रालय, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI), राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ऑन बोर्ड प्रतिनिधि होंगे। इसके अलावा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक के साथ कुछ गैर सरकारी संगठन भी टास्क फ़ोर्स में ऑन बोर्ड प्रतिनिधि रहेंगे।
टास्क फ़ोर्स का प्रमुख लक्ष्य सेक्स वर्कर्स तथा मानव व्यापार पीड़ितों को बैंक अकाउंट जैसी सुविधाओं से जोड़ना होगा जो उन्हें उनके स्वयं के रुपयों के रखरखाव के प्रति सशक्त और आत्मनिर्भर कर सकेगा। केंद्र सरकार की यह पहल समाज के वंचित, शोषित वर्ग के साथ ही उन लोगों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है जो अब तक किसी भी प्रकार की वित्तीय सुविधाओं के दायरे में और सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने से वंचित रहे हैं।