वैसे तो चीन के साथ कॉन्ग्रेस की साँठगाँठ को लेकर समय-समय पर चीजें सामने आती ही रहती हैं। यहाँ तक कि जब डोकलाम विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था, तब भी राहुल गाँधी के चीनी अधिकारियों से गुपचुप मुलाकात की बात सामने आई थी। यही कारण है जब से राहुल गाँधी का नाइटक्लब वाला वीडियो सामने आया है, तमाम तरह के अंदेशे जताए जा रहे हैं। हालाँकि कॉन्ग्रेस इसे ‘निजी’ बता रही है, लेकिन अंदेशे इसलिए मौजूं हो जाते हैं क्योंकि दावा किया जा रहा है कि वीडियो में कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के साथ जो महिला दिख रही है, वह नेपाल में चीन की राजदूत होउ यांकी हैं। एक तरफ यांकी पर हनीट्रैप के जरिए नेपाल की सत्ता से लेकर सैन्य गलियारों तक पर कब्जा करने का आरोप है, दूसरी तरफ हाल में अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक से ऐसी रिपोर्ट सामने आई हैं, जो बताती है कि वहाँ के सत्ता के गलियारों में घुसपैठ के लिए चीन ने महिला, सेक्स और पैसे को हथियार बनाया था।
पिछले दिनों खबर आई थी कि चीनी जासूस क्रिस्टीन फेंग उर्फ फेंग फेंग (Fang Fang) ने अमेरिकी नेताओं के साथ शारीरिक संबंध बनाकर उनसे गोपनीय सूचनाएँ निकालने की कोशिश की थी। यह चीनी जासूस 4 साल तक यूएस में रही और 2015 में वापस लौट गई। इस दौरान, उसने कई नेताओं से शारीरिक संबंध बनाए। क्रिस्टीन फांग अमेरिका में स्टूडेंट बनकर आई थी और उसने कई अमेरिकी राजनेताओं को अपने जाल में फँसाया। इसमें डेमोक्रेटिक सांसद और यूएस सीनेट के इंटेलिजेंस कमेटी के मेंबर एरिक स्वैलवेल भी शामिल थे। 2015 में FBI ने क्रिस्टीन को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल भी बिछाया था, लेकिन वो उसे चकमा देने में कामयाब रही। अमेरिकी एजेंसी के हाथों में आने से पहले ही क्रिस्टीन देश छोड़कर फरार हो गई। बताया जाता है कि उसे अमेरिका से फरार करवाने में कई अमेरिकी राजनेताओं का भी हाथ था।
वैसे, क्रिस्टीन फांग अकेली ऐसी जासूस नहीं है जो अमेरिका में चीन के लिए जानकारी जुटा रही थी। चीन के हजारों की संख्या में हनीट्रैप जासूस सक्रिय हैं। ये जासूस गुप्त सूचनाओं को चीन तक पहुँचाने का काम करते हैं। ऐसी ही एक और चीनी जासूस है- क्रिस्टीन ली। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI5 ने बताया था कि चीन सरकार की एजेंट क्रिस्टीन ली ब्रिटेन की संसद में एक्टिव है। इस चीनी जासूस के कई राजनेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। इसमें ब्रिटेन की शीर्ष विपक्षी लेबर पार्टी के कई सांसद शामिल हैं। एजेंट ने पिछले कई साल में लेबर पार्टी को करोड़ों रुपए का चंदा भी दिया। वह पेशे से वकील है और लंदन स्थित चीनी दूतावास के साथ करीब से जुड़ी हुई है। क्रिस्टीन ली पर ब्रिटिश सुरक्षा एजेंसियाँ काफी समय से नजर बनाए हुई थीं। क्रिस्टीन ली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के संयुक्त मोर्चा कार्य विभाग की ओर से जानबूझकर राजनीतिक हस्तक्षेप की गतिविधियों में लिप्त थीं।
इसके अलावा नेपाल में चीन के राजदूत होउ यांकी पर भी नेपाली नेताओं को हनीट्रैप में फँसाने का आरोप है। बता दें कि होउ का नाम 2020 में तब सामने आया था, जब नेपाल में राजनीतिक उठापटक अपने चरम पर था। यह भी कहा गया होउ ही नेपाल की राजनीति को मैनेज कर रही है। उस समय नेपाल के PM रहे केपी शर्मा ओली को लेकर रिटायर्ड मेजर गौरव आर्य ने भी एक निजी मीडिया चैनल से कहा था कि PM ओली, होउ यांकी के हनीट्रैप में फँसे हुए हैं और चीन के पास ओली का एक सेक्स वीडियो भी है। बताया गया था कि इसी वजह से ओली ने नेपाल में चीन के अतिक्रमण पर चुप्पी साध रखी थी।
इसके अलावा इंटेलीजेंस एजेंसियों की एक ऐसी रिपोर्ट में इशारा किया गया था कि चीनी राजदूत के हस्तक्षेप के बाद ही ओली ने भारत विरोधी हरकतों को बढ़ावा दिया था। एजेंसियों के मुताबिक नेपाल में चीन की राजदूत होऊ यांकी ने नक्शे में बदलाव के लिए ओली को राजी किया था। इसके बाद ही ओली ने ऐसा नक्शा तैयार करवाया जिसमें भारत के कुछ हिस्सों को नेपाल का दिखाया गया था।