Sunday, September 1, 2024
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नागरिकता विधेयक के विरोध में हिंसा: भाजपा नेता का घर फूँका, गुवाहाटी की आग शिलॉन्ग पहुँची

हिंसा के निशाने पर मुख्यतः भाजपा, असम गण परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हैं, जिनके कार्यालयों पर आज हमले हुए। दंगाईयों ने भाजपा विधायक और नेता बिनोद हज़ारिका के घर पर भी आगजनी की....

नागरिकता विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास हो जाने के बाद इसके विरोधियों ने हिंसात्मक रुख अख्तियार कर लिया है। विशेषतः पूर्वोत्तर में जातीय, भाषाई और जनजातीय अलगाववादी कारणों से हो रहा विरोध इतना तेज़ हो गया है कि असम के गुवाहाटी में लोग कर्फ़्यू तोड़कर हिंसा और आगजनी पर उतारू हैं। सेना को भी फ्लैग मार्च करना पड़ रहा है।

हिंसा के निशाने पर मुख्यतः भाजपा, असम गण परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हैं, जिनके कार्यालयों पर आज (गुरुवार, 12 दिसंबर, 2019 को) हमले हुए। दंगाईयों ने भाजपा विधायक और नेता बिनोद हज़ारिका के घर पर भी आगजनी की। डिब्रूगढ़ जिले के चबुआ विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिधि हज़ारिका के घर के आसपास खड़ी सभी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया है।

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इसके अलावा गुवाहाटी में पुलिस को भीड़ को काबू में करने के लिए गोलीबारी भी करनी पड़ी है, जिसके चलते दो हिंसक प्रदर्शनकारियों की मौत भी हो गई। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज के एक अधिकारी के हवाले से पीटीआई ने दावा किया है कि मृतकों में से एक की मौत अस्पताल पहुँचने के पहले ही हो चुकी थी, जबकि दूसरे ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। दोनों की शिनाख्त की सूचना खबर लिखे जाने तक नहीं मिली है।

लोगों की उत्तेजना शांत करने के लिए मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने वीडियो संदेश जारी कर लोगों से अपील की कि वे असमिया संस्कृति, ज़मीनी अधिकार, भाषा आदि पर किसी तरह के खतरे की चिंता न करें, क्योंकि इन सब को सुरक्षित करने के लिए असम समझौते की धारा 6 है। कुछ लोग इसके बारे में झूठ फैला रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज सुबह से ही ट्वीट कर लोगों से यही कहा। मोदी ने असम के लोगों को आश्वस्त किया है कि वह और उनकी सरकार असमिया लोगों के हितों की रक्षा करेंगे।

असम के उपमुख्यमंत्री हेमंत बिस्व शर्मा भी असम के लोगों को यह समझाने का अनथक प्रयास कर रहे हैं कि यह विधेयक जनसांख्यिकीय संतुलन को बिगाड़ने नहीं, बल्कि संभाल कर रखने के लिए है। “मुझे दृढ़ विश्वास है कि अगर यह विधेयक नहीं पास हुआ तो असमिया हिन्दू महज़ अगले 5 साल में अल्पसंख्यक बन जाएँगे। यह उन तत्वों के लिए फ़ायदेमंद होगा जो असम को एक और कश्मीर बनाना चाहते हैं।”

शिलॉन्ग में भी आज शाम अराजक प्रदर्शनकारियों ने मोटफ्रान के बीचोंबीच टायर जलाए और पुलिस पर पत्थरबाज़ी की। वहाँ भी कर्फ़्यू लगने के आसार पैदा हो रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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