केंद्र सरकार ने 14 शरणार्थियों को CAA (नागरिकता संशोधन कानून) के तहत नागरिकता दी है। बता दें कि दिसंबर 2019 में पाकिस्तान, अफ़ग़निस्तान और बांग्लादेश के पीड़ित अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए ये कानून लाया गया था, जिसका इस्लामी तत्वों ने खासा विरोध किया था। दिल्ली में दंगे तक किए गए। 9 बार CAA के नियमों को अधिसूचित करने के लिए केंद्र सरकार ने समाय बढ़ाया, अंततः मार्च 2024 में इसे लागू कर दिया गया।
अब बुधवार (15 मई, 2024) को अमित शाह के प्रभार वाले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 पीड़ित विदेशी अल्पसंख्यक श्रद्धालुओं को भारत की नागरिकता से नवाजा है। इस कानून के संसद में पास होने के साढ़े 4 साल बाद पहली बार इसके तहत किसी को नागरिकता मिली है। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र दिया। बता दें कि इसके लिए वेबसाइट बना कर एप्लिकेशन फॉर्म जारी किए गए थे। जिला स्तरीय समिति को इसके लिए आवेदन देना होता है।
वहीं राज्य स्तरीय समिति इन आवेदनों की जाँच करने के बाद नागरिकता दिए जाने की सिफारिश करती है। पिछले 2 महीनों से कई हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों की तरफ से CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदन आए थे। ऐसे शरणार्थी इसके तहत नागरिकता के पात्र हैं, जो 31 दिसंबर, 2014 तक भारत में आ गए थे। तीनों इस्लामी मुल्कों में प्रताड़ना के कारण इन अल्पसंख्यकों को भाग कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी।
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— AajTak (@aajtak) May 15, 2024
जिला स्तरीय समिति (DLC) के सीनियर सुपरिटेंडेंट ने इन शरणार्थियों को नागरिकता की शपथ दिलाई। आवेदनों की प्रोसेसिंग ऑनलाइन माध्यमों से की जाती है। वहीं दिल्ली की राज्य स्तरीय एम्पॉवर्ड कमिटी (EC) के मुखिया डायरेक्टर (सेंसस ऑपरेशन) हैं। CAA के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग़ में खातूनों ने धरना दिया था और एक तरह से राजधानी को कई हफ़्तों तक बंधक बना कर रखा था। इसके खिलाफ झूब झूठ भी फैलाया गया था।